ट्रेडिंग क्या होती है?, ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? | What is Trading in Hindi?

आज से कुछ वर्ष पहले, मेरे भी मन में यह विचार उठा था कि, ट्रेडिंग क्या होती है? (What is Trading in Hindi?).यदि आपके भी मन में यह विचार उठ रहा है कि ट्रेडिंग आखिर क्या होता है? तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं

आजकल हम देखते हैं कि लोग शेयर मार्केट में ऑनलाइन ट्रेडिंग करके लाखों रुपए कमा रहे हैं। ऐसे में हमारे मन में भी सवाल आता है कि आखिर Trading kya hai और इससे पैसे कैसे कमाए जाते हैं?

आज इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको ट्रेडिंग से जुड़े हर सवाल का जवाब मिल जाएगा और अगर आप Stock Market में बिल्कुल beginner भी हैं तो भी आप इसे अच्छे से समझ जाएंगे।

अगर आप भी ट्रेडिंग करके खूब सारा पैसा कमाना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं क्योंकि आज मैं आपको इस आर्टिकल में ट्रेडिंग के बारे में पूरी जानकारी देने वाला हूं जैसे– शेयर मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है और नए लोग ट्रेडिंग कैसे सीखें, ट्रेडिंग कैसे करते हैं, यह कितने प्रकार की होती हैं, शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करके पैसे कैसे कमाए आदि।

इसके अलावा मैं आपको ट्रेडिंग से संबंधित कुछ जरूरी बातें भी बताऊंगा। मैं वादा करता हूं अगर आपने इस आर्टिकल को अंत तक पूरा पढ़ लिया तो आपके मन में Trading से संबंधित कोई भी डाउट नहीं रहेगा।

Table of Contents

ट्रेडिंग क्या होती है? | What is trading for Beginners?

What is trading in Hindi
What is trading in Hindi?

ट्रेडिंग वह प्रक्रिया है जिसमें मुनाफा कमाने के लिए लोग किसी भी वस्तुओं और सेवाओं की खरीद बिक्री करते हैं। ट्रेडिंग करने वाले लोगों को Traders कहा जाता है। ट्रेडिंग का मुख्य मकसद चीजों को कम दाम में खरीदना और अधिक दाम में बेचकर प्रॉफिट कमाना होता है।”

ट्रेडिंग के बारे में जितना सोशल मीडिया पर दिखाई जा रहा है उतना खूबसूरत दुनिया नहीं है इसलिए सबसे पहले आप लोग सोशल मीडिया के बेह्काबो में मत आओ स्टॉक मार्केट और ट्रेडिंग को अच्छे से सीखो उसके बाद एक छोटा कैपिटल से शुरू करो,

शुरू में थोड़ा बहुत लॉस होगा उसे डरना नहीं है, कोशिश करना यह जानने की यह लॉस किस वजह से हो रहा है तभी आप लोग स्टॉक मार्केट को अच्छे से सीख सकते हैं।

क्या ट्रेडिंग से एक दिन में लाखों कमाए जा सकता है?

ट्रेडिंग से एक दिन में लाखों क्या उसे ज्यादा भी कमाया जा सकता है लेकिन उसके लिए सबसे पहले आपको स्टॉक मार्केट में अच्छा खासा टाइम देना होगा लगभग 2 से 3 साल और उसके बाद स्टॉक मार्केट के हर छोटी बड़ी चीजों को काफी वारिकी से समझना होगा उसके बाद आप इस मुकाम तक पहुंच पाएंगे।

स्टॉक मार्केट एक बिजनेस है और बिजनेस से unlimited income क्या जा सकता है अर्थात आपने जितना क्षमता हो उतना कमा सकते हो इसके लिए आपके पास दो चीज होना जरूरी है पहले सही नॉलेज और दूसरा पर्याप्त कैपिटल होना जरूरी है।

कैपिटल तो आपको खुद कमाना पड़ेगा और बात रही नॉलेज का यह आपको हमारे वेबसाइट और यूट्यूब चैनल से आपको फ्री में मिल जाएगा,

अभी के टाइम में ज्ञान काफी आसानी से मिल जाता है बस आप में सीखने की इच्छा हो और आपके पास टाइम हो तो सीख सकते हो इसलिए स्टॉक मार्केट में पहले कुछ टाइम दे उसके बाद इसमें अपना पैसा लगे नहीं तो लॉस होने से आपको कोई नहीं बचा सकता है।

Trading Meaning in Hindi

ट्रेडिंग का असली अर्थ होता है ‘व्यापार’ मतलब लोग बाजार से लाभ कमाने के लिए चीजों को एक जगह से दूसरी जगह भेजते हैं इसे ट्रेड करते हैं।

आजकल online Stock trading काफी प्रचलन में है यह ट्रेडिंग वस्तुओं और सेवाओं के ट्रेडिंग से बिल्कुल अलग है, क्योंकि इससे लोग किसी भी कंपनी के स्टॉक को ऑनलाइन खरीद बिक्री करते हैं। आजकल लोग शेयर मार्केट में ट्रेड करके दिन का लाखों रुपए कमा रहे हैं।

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग क्या है? | What is trading in share market?

  • शेयर मार्केट में ट्रेडिंग का मतलब है शेयर को खरीदना और बेचना. स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग दो प्रकार की होती है शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग और लोंग टर्म ट्रेडिंग, लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग को हीइन्वेस्टिंग कहते हैं। अधिकतर ट्रेडर्स शेयर बाजार से जल्दी प्रॉफिट कमाने के लिए इंट्राडे और ऑप्शन ट्रेडिंग करते हैं।

ट्रेडिंग का उदाहरण | Example of Trading in Hindi?

आजकल ट्रेडिंग हर व्यापार में होती है चाहे वह ऑनलाइन हो या ऑफलाइन। ट्रेडिंग में खरीदार और विक्रेता दोनों ही प्रॉफिट कमाना चाहते हैं।

अगर हम शेयर मार्केट में ट्रेडिंग का उदाहरण देखें तो हमारा मकसद शेयर को कम दाम में buy करके अधिक दाम में बेचकर profit कमाना होता है।

Online Trading Kay Hai :-

ऑनलाइन ट्रेडिंग केवल शेयर मार्केट में ही नहीं बल्कि कमोडिटी मार्केट, Forex मार्केट और Crypto मार्केट में भी होती है। कमोडिटी मार्केट में Gold, Silver, Crude oil, Food आदि commodities की ट्रेडिंग की जाती है जबकि Forex market में प्रत्येक देश के currencies जैसे; Rupees, doller, pound आदि की trading की जाती है।

अब यह तो बात हो गई ऑनलाइन ट्रेडिंग क, अब ऑफलाइन ट्रेडिंग की भी बात कर लेते हैं–

Example of Trading in Hindi:-

अगर ट्रेडिंग को समझने के लिए अपने बाजार में मिल रहे किसी भी चीज का उदाहरण देखें सकते हैं, जैसे दुकानदार किसी भी सामान को कम दाम में खरीद कर लाता है और उसे अधिक दाम में sell करता है और इस तरह वह profit कमा लेता है।

ठीक इसी प्रकार कपड़ों के बिजनेस में भी दुकानदार wholesale में इकट्ठा माल सस्ते में खरीद कर लाता है और फिर customers को महंगे दामों पर बेचता है, इसे ही ट्रेडिंग कहते है

अब तक आपने जाना ‘ट्रेडिंग क्या है?’ अब आगे जानते हैं कि–

ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? | Types of trading in Hindi?

Types of trading in Hindi
Types of trading in Hindi

ट्रेडिंग दो प्रकार की होती है– शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग और लोंग टर्म ट्रेडिंग, Short term trading के अंदर इंट्राडे, स्विंग और ऑप्शन ट्रेडिंग आती है जबकि लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग के अंदर डिलीवरी या पोजीशनल ट्रेडिंग आती है। इसके अलावा स्काल्पिंग ट्रेडिंग, एल्गो ट्रेडिंग, मार्जिन ट्रेडिंग, और मूहूर्त ट्रेडिंग भी स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग के ही प्रकार हैं।

इन सभी में ये 3 ट्रेडिंग सबसे ज्यादा की जाती हैं–

  1. Intraday Trading
  2. Swing Trading
  3. Option Trading

ट्रेडिंग के प्रकार | Trading kitne prakar ki hoti hai?

ट्रेडिंग को टाइम फ्रेम के अनुसार 5 types में बांटा गया है–

  • Scalping Trading
  • Intraday Trading
  • Swing Trading
  • Short Term Trading
  • Long Term Trading

1. स्किपिंग ट्रेडिंग क्या है? | What is Scalping Trading?

scalping का हिंदी अर्थ होता है कालाबाजारी मतलब ऐसी ट्रेडिंग जिसमें शेयर बाजार के नियमों से हटकर ट्रेडिंग की जाती है उसे ‘scalp trading’ कहा जाता है।”

यहां कालाबाजारी का गलत अर्थ मत समझना इसका असली मतलब यह है कि किसी भी ट्रेड में छोटा सा प्रॉफिट लेकर भगना इसमें हम बड़ा trend या बड़ा प्रॉफिट का आशा या उम्मीद नहीं करते हैं, छोटा प्रॉफिट या लॉस लेकर निकल जाते हैं।

इसका मतलब है कि जिस तरह स्टॉक मार्केट में शेयर को खरीद कर फिर उसके बढ़ने की आशा की जाती है लेकिन scalping trading में ऐसा कुछ नहीं होता क्योंकि इसमें लोग तुरंत प्रॉफिट बुक करते हैं।

जिसे हार्ट की बीमारी है उसके लिए स्काल्पिंग ट्रेडिंग नहीं है अगर आपको हार्ड की बीमारी है तो आप इस स्काल्पिंग ट्रेडिंग से बचें क्योंकि स्काल्पिंग ट्रेडिंग करते वक्त दिल की धड़कन काफी तेज हो जाता है।

  • स्काल्पिंग में हम 5 से 10 मिनट में Exit कर जाते हैं।
  • स्काल्पिंग ट्रेडिंग सबसे high डिस्क की ट्रेडिंग होता है।
  • इसमें हमें पूरा सचेत (conscious) रहना होता है।
  • स्काल्पिंग जनरली option में किया जाता है।

2. इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है? | What is Intraday Trading?

“एक ही दिन में शेयर को खरीदने और बेचने वाले ट्रेडिंग को ‘इंट्राडे ट्रेडिंग‘ कहते हैं. इसमें आपको उसी दिन शेयर को buy और sell करना पड़ता है।”

इंट्राडे ट्रेडिंग स्किपिंग से थोड़ा कम रिस्की है लेकिन यह भी अपने आप में काफी रिस्की ट्रेडिंग है क्योंकि आपको एक ही दिन में buy और sell दोनों डिसीजन लेना होता है जबकि शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग में कोई भी डिसीजन लेने के लिए आपको पर्याप्त समय मिल जाता है।

अगर आपने intraday में शेयर खरीदा है और शेयर बाजार बंद होने से पहले यानी 3:30 से पहले आप अपने उस दिन खरीदे हुए शेयर नहीं बेचते हैं तो आपका broker ही आपकी position ‘square off’ कर देता है,

इसका मतलब उस दिन खरीदे हुए आपके सारे शेयर बेच देता है। साथ ही आपको कुछ extra charges भी देने पड़ते हैं क्योंकि आप बाजार बंद होने से पहले अपने शेयर नहीं बेच पाए।

इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए चार्ट पेटर्न्स को समझना बहुत जरूरी होता है क्योंकि आप चार्ट पेटर्न के सहारे ही एक ही दिन में buy और sell दोनों डिसीजन ले पाएंगे।

फंडामेंटल एनालिसिस के सहारे ट्रेडिंग नहीं कर सकते हैं क्योंकि फंडामेंटल एनालिसिस के सहारे किसी स्टॉक के भाव (price) को पढ़ नहीं पाते हैं, फंडामेंटल एनालिसिस के सारे हम किसी कंपनी के स्थिति और परिस्थिति का पता अच्छे से लगा सकते हैं।

कहा जाता है कि इंट्राडे ट्रेडिंग में नुकसान होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है जोकि सच भी है लेकिन अगर आप समझदारी से stop-loss लगाकर ट्रेड करते हैं, trading psychology को समझते हैं और intraday trading strategies फॉलो करके ट्रेड करते हैं तो आप अपने नुकसान को कम कर सकते हो और प्रॉफिट को बढ़ा सकते हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग के कुछ मुख्य तथ्य–

  • इंट्राडे ट्रेडिंग में अधिकतर 1 मिनट, 5 मिनट और 15 मिनट के chart पर ट्रेडिंग की जाती है।
  • इंट्राडे ट्रेडिंग में कंपनियों पर research करना जरूरी नहीं होता है बस आपको technical analysis की पर्याप्त नॉलेज होनी चाहिए।
  • डिलीवरी की अपेक्षा आपको intraday में मार्जिन बहुत अच्छा मिलता है लेकिन इसमें risk भी ज्यादा है।
  • इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको फंडामेंटल मजबूत शेयर ढूंढने की जरूरत नहीं होती बल्कि आप किसी भी कमजोर फंडामेंटल वाले स्टॉक में भी ट्रेडिंग कर सकते हैं बस उसमें वॉल्यूम अच्छा होना चाहिए।
  • इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास फ्री टाइम होना बहुत जरूरी है अगर आप जॉब में है तो इंट्राडे ट्रेडिंग फिलहाल ना करके स्विंग ट्रेडिंग या शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग पर फोकस करना बेहतर होगा।

3. स्विंग ट्रेडिंग क्या है? | What is Swing Trading?

वैसा ट्रेडिंग जो एक सप्ताह से लेकर एक महीना तक चलता है वह ‘स्विंग ट्रेडिंग‘ कहलाता है। स्विंग ट्रेडिंग में में अधिकतर लोग 5% से लेकर 20% profit होने पर अपने खरीदे हुए शेयर को sell करते हैं फिर चाहे उसमें 1 हफ्ता लगे या 1 महीना, यह मायने नहीं रखता।

स्विंग ट्रेडिंग के लिए टेक्निकल एनालिसिस के साथ-साथ थोड़ा बहुत फंडामेंटल एनालिसिस की जरूरत पड़ती है क्योंकि यह ट्रेडिंग एक सप्ताह से लेकर एक महीना तक चलता है इसलिए स्विंग ट्रेडिंग हमेशा अच्छे स्टॉक में करना बेहतर होता है।

अगर कमजोर फंडामेंटल के स्टॉक में सिम ट्रेडिंग करने से थोड़ा खतरा ज्यादा है क्योंकि यह कभी भी 5 से 10 परसेंट गिर जाता है जो बड़ा नुकसान दे सकता है इसलिए स्विंग ट्रेडिंग के लिए फंडामेंटल का थोड़ा बहुत नॉलेज होना जरूरी है।

स्विंग ट्रेडिंग intraday trading की अपेक्षा अधिक safe मानी जाती है क्योंकि इसमें share को उसी दिन बेचना जरूरी नहीं होता हमें डिसीजन लेने के लिए अच्छा खासा टाइम मिल जाता है।

Swing trading से अधिक प्रॉफिट कमाने के लिए आपको Nifty next 50 वाले stocks में पैसा invest करना चाहिए क्योंकि इन कंपनियों में वॉल्यूम भी अच्छा होता है और फंडामेंटल भी अच्छे होते हैं।

इंट्राडे की अपेक्षा swing trading में आपको फंडामेंटली stable कंपनी चुनना पड़ती है क्योंकि आप अपना प्रॉफिट कुछ ही मिनट हो या घंटों में नहीं बल्कि कुछ दिनों यहां तो में कमाना चाहते हैं और आप अधिक Risk भी नहीं लेना चाहते हैं।

स्विंग ट्रेडिंग के लिए आपको टेक्निकल एनालिसिस का नॉलेज होना जरूरी है सिर्फ फंडामेंटल से इसमें कुछ नहीं हो पाएगा क्योंकि बहुत सारे स्टॉक्स ऐसे हैं जो लगातार अपने सपोर्ट और रेजिस्टेंस के बीच ही ट्रेड करते रहते हैं ऐसे stocks में पोजीशन बनाकर आप स्विंग ट्रेडिंग से अच्छा पैसा कमा सकते हैं।

4. शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग क्या है? | What is Short Term Trading?

शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग वह ट्रेडिंग होता है जिसमें हम लोग एक महीना से लेकर 5 से 6 महीना तक का पोजीशन बनाते हैं इसका टारगेट 20% से लेकर 100% तक का होता है, शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग हमेशा अच्छे स्टॉक में किया जाता है।

शॉर्ट में ट्रेडिंग के लिए आपको टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस दोनों का बेहतर नॉलेज होना काफी जरूरी है क्योंकि शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग अच्छे स्टॉक में किया जाता है इसके लिए आपको फंडामेंटल एनालिसिस का नॉलेज होना जरूरी है,

और टेक्निकल एनालिसिस के सारे शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग में एंट्री पॉइंट और एग्जिट प्वाइंट ढूंढ पाओगे इसलिए शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के लिए टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस दोनों का नॉलेज होना काफी जरूरी है।

शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग में कोई भी डिसीजन लेने के लिए हमें काफी समय मिल जाता है इसलिए यह ट्रेडिंग थोड़ा कम रिस्की होता है। अगर आप जॉब करते हैं आपके पास फ्री टाइम काफी कम होता है तब भी आप शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग अच्छे तरीके से कर सकते हैं।

लेकिन अगर आपको टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस का नॉलेज नहीं है तो आप शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग भी ना करें, पहले आप यह सब अच्छे से सीखे इसके बाद कोई भी ट्रेडिंग करें।

अगर आपके पास फंडामेंटल एनालिसिस का थोड़ा भी नॉलेज है तो आप लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग अर्थात इन्वेस्टिंग कर सकते हैं क्योंकि अगर आप अच्छे स्टॉक में इन्वेस्टिंग करते हैं तो काफी कम रिस्क होता है।

5. लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग क्या है? | What is Long Term Trading?

लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग के अंतर्गत पोजीशनल ट्रेडिंग आती है, पोजीशनल ट्रेडिंग में आप शेयर को डिलीवरी में खरीदते हैं और इसमें 2 साल से 5 साल के लिए अपनी पोजीशन होल्ड करते हैं।

लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग या पोजीशनल ट्रेडिंग के लिए मैं फंडामेंटल एनालिसिस करना होता है इसमें हम कंपनी के फंडामेंटल अर्थात इसकी स्थिति के बारे में काफी विस्तार से देखते हैं जैसे कंपनी की अभी क्या स्थिति है आगे दो से तीन साल में कितना grow कर सकता है।

आप कुछ लोग सोच रहे होंगे कि पोजीशनल ट्रेडिंग का मतलब तो investing ही हुआ ना, तो फिर मैं इसे ट्रेडिंग क्यों कह रहा हूं,

जी हां आपका कहना सही है यह इन्वेस्टिंग ही है लेकिन long term में आप शेर को कभी ना कभी तो बेचेंगे ही और शेयर को खरीदना और बेचना ही ट्रेडिंग कहलाता है इसलिए आप investing को long term trading भी बोल सकते हैं।

Delivery Trading Kya Hai :

डिलीवरी ट्रेडिंग का मतलब होता है की आप स्टॉक को डिलीवरी होने तक hold करते हैं इसका मतलब एक बार स्टॉक आपके डिमैट अकाउंट तक पहुंच गया तो उसके बाद कभी भी उसे sell कर सकते हो, यह लॉन्ग टर्म और शर्ट दोनों के लिए हो सकता है।

आइए अब बताते हैं आपको trading के उन प्रकारों के बारे में जो सबसे ज्यादा पॉपुलर है–

  • Option Trading
  • Future Trading

ऑप्शन ट्रेडिंग और फ्यूचर ट्रेडिंग समझने से पहले हम Forward contract को समझते हैं जिससे ऑप्शन ट्रेडिंग और फ्यूचर ट्रेडिंग को समझने में काफी आसानी होगी।

फारवर्ड कॉन्ट्रैक्ट क्या है? | What is Forward Contract?

“फॉरवार्ड कांट्रैक्ट, दो पक्षियों के बीच एक समझौता होता है, भविष्य की किसी तारीख पर किसी खास कीमत पर कोई संपत्ति खरीदने या बेचने का वादा होता हैं।”

फॉरवार्ड कांट्रैक्ट को आसान भाषा में समझने के लिए हम एक एग्जांपल लेते हैं–

मान लीजिए कोई एक किसान जिसके खेत में आलू लगा है। अभी आलू मार्केट में दो रुपए प्रति किलो के हिसाब बिक रहा है और वह चाहता है कि, हां मुझे ₹2 मिल जाए तो अच्छा रहेगा क्योंकि पिछले साल फसल ज्यादा हो गई थी आलू की तो उसको डेड रुपए (₹1.5) के हिसाब से ही आलू बेचने पड़े थे जिसके कारण उनका नुकसान हुआ था।

तो अभी आलू की कीमत ₹2 किलो चल रही है वह चाहे तो बेच सकता है लेकिन इसमें एक दिक्कत है उसका फसल अभी रेडी नहीं फसल रेडी होगी उसके 2 महीने बाद, अब उसको यह चिंता सता रही है की पता नहीं 2 महीने बाद आलू का भाव क्या रहे,

आज तो ₹2 है लेकिन मेरी फसल ही रेडी नहीं है ऐसे में अगर उसको कोई ऐसा buyer मिल जाए जो उससे कहे कि आज हम कॉन्ट्रैक्ट साइन करते हैं कि जब भी, दो महीने बाद तेरी फसल रेडी होगी तो बाजार में उस समय आलू का भाव कुछ भी हो तू मुझे अपने आलू ₹2 किलो के हिसाब से बेच देना चाहे उस समय भाव कोई भी हो,

तो अब किसान के लिए यह क्यों अच्छा है?

किसान को डर है कि 2 महीने बाद कहीं अगर भाव डेड रुपए हो गया तो उसे डेड रुपए मिलेंगे 2 महीने बाद। ऐसे में किस के लिए ही अच्छा है कि आज ही वह कॉन्ट्रैक्ट साइन कर ले की 2 महीने बाद आलू की कीमत चाहे ₹1 हो चाहे ₹3 वह ₹2 पर अपने आलू बचेगा तो उसको बताएं कि उसकी मिनिमम वायबिलिटी आ जाएगी।

वही जो दूसरा है जो खरीदारी कर रहा है हो सकता है वह कोई मल्टीनेशनल कंपनी है, जो चिप्स बनती है और 2 साल पहले जब बारिश के कारण आलू की फसल खराब हो गई थी तो उस मल्टीनेशनल कंपनी को आलू 2.5 से 3 रुपए किलो में खरीदने पड़े थे,

जिसके कारण उनकी चिप्स बनाने की लागत बढ़ गई थी तो वह भी यह कॉन्ट्रैक्ट करना चाहता है कि कहीं इस बार भी बारिश ज्यादा हो जाए फसल खराब हो जाए तो आलू महंगे ना हो जाए तो हम आज ही कॉन्ट्रैक्ट कर लेते हैं कि ₹2 किलो पर हमको 2 महीने बाद आलू मिलेगा तो,

यह दोनों के लिए प्रॉफिट का सौदा हो गया और क्योंकि यह कॉन्ट्रैक्ट साइन आज हो रहा है लेकिन इसमें सामान डिलीवर यानी शर्त पूरी 2 महीने बाद होगी इसीलिए इसे फॉरवार्ड कांट्रैक्ट कहा जाता है।

अब यह एग्जांपल से मैं उम्मीद करता हूं कि फॉरवार्ड कांट्रैक्ट क्लियर हो गया अब हम बात करते हैं फ्यूचर्स की जिसको आप सच में स्टॉक मार्केट में ट्रेड कर सकते हैं।

फ्यूचर ट्रेडिंग क्या होता है? | What is Future Trading?

फीचर्स क्या होता है? सिंपल है जैसे आपने देखा कि फॉरवर्ड में एक किसान है और एक मल्टीनेशनल कंपनी है और यह आपस में लेन-देन कर रहे हैं तो इमेजिन करिए की जो मल्टीनेशनल कंपनी है,

उसने आलू तो ले लिए लेकिन पैसा देने में आना-कानी कर रही है तो अब किसान कहां दर-दर भटकेगी अदालत के चक्कर लगाएगा उसे मल्टीनेशनल कंपनी से पैसा वसूल करने के लिए तो यह रिस्की है,

फ्यूचर कांट्रैक्ट वह होता है जो बिल्कुल फॉरवर्ड की तरह ही होता है लेकिन उसमें एक इंडिपेंडेंस थर्ड पार्टी होती है जो यह ध्यान रखती है कि माल देने वाला माल दे और पैसे भेजने वाला पैसा को भेजे

जैसे स्टॉक मार्केट में स्टॉक एक्सचेंज यह काम करता है अगर आपने कोई फ्यूचर कांट्रैक्ट खरीदा तो आपको उस समान की डिलीवरी हो यह भी शेयर बाजार की जिम्मेदारी है,

स्टॉक एक्सचेंज की जिम्मेदारी है और बेचने वाले को पैसे मिले यह भी शेयर बाजार की जिम्मेदारी है अगर आपको आपके पैसे ना मिले तो आपको buyer को ढूंढने नहीं जाना है

शेयर बाजार उस पर penalty लगाएगा स्टॉक एक्सचेंज भी उसके खिलाफ एक्शन लेगा लेकिन आपको आपके पैसे मिलेंगे तो एक इंडिपेंडेंस थर्ड पार्टी है,

जो आपका इंटरेस्ट को secure रखती है, जब वे फैक्टर आ जाता है तो एक फॉरवार्ड कांट्रैक्ट, एक फ्यूचर कांट्रैक्ट बन जाता है जिसमें इंटरेस्ट सिक्योर्ड है।

मैं जानता हूं कि अभी भी अच्छी तरह से आपको क्लियर नहीं हुआ है कि फ्यूचर ट्रेडिंग क्या होता है?, स्टॉक मार्केट में यह कैसे काम करता है? चले इसे भी अच्छे से समझते हैं-

स्टॉक मार्केट में फ्यूचर ट्रेडिंग कैसे होता है?

अब हम फ्यूचर्स को एक आसान एग्जांपल से समझ लेते हैं practically, मान लीजिए एक जमीन है जो 1 लाख की है अब उसे जमीन की शर्त यह है कि वह जमीन उसे मिलेगी जिसके पास यह टोकन होगा

Coin

जिसके पास यह टोकन है उसको वह जमीन मुफ्त में मिल जाएगी तो आप इस टोकन कि, अगर अपने आप में कीमत देखें तो एक प्लास्टिक का टुकड़ा है जो शायद ₹1 का भी नहीं है लेकिन क्योंकि जिसके पास यह है, उसकी जमीन फ्री में मिल जाएगी एक लाख रुपए की,

तो ऐसे में इस टोकन ने अपनी कीमत ड्राइव कर ली जमीन के टुकड़े से और इसकी कीमत भी 1 लाख के आसपास हो गई तो सोचिए अगर इस टोकन के साथ शर्त है कि जिसके पास यह टोकन है उसको दो महीने बाद जमीन मिल जाएगी तो यह टोकन हो गया फ्यूचर,

किस चीज का फ्यूचर?, उस जमीन का फ्यूचर क्योंकि यह टोकन आपको फ्यूचर में 2 महीने बाद वह जमीन दिलाएगा इसलिए यह जमीन का फ्यूचर टोकन हो गया और अब क्योंकि जिसके पास यह टोकन है उसकी जमीन मिलेगी तो आप चाहे तो यह टोकन किसी को भेज भी तो सकते हैं ना अब इसकी कीमत 1 लाख है,

तो कोई इसके 80,000 से 90,000 रुपए तो दे ही देगा तो इसको हम ट्रेड भी कर सकते हैं अब बिल्कुल यही होने वाला है हम जमीन को जो एक लाख रुपए की जमीन थी,

उसको रिप्लेस कर देते हैं 60,000 रुपए के एमआरएफ (MRF) के शेयर के साथ और वह टोकन है, MRF का फ्यूचर अब जिसके पास यह टोकन है उसे 2 महीने बाद एमआरएफ का शेयर मिल जाएगा जिसकी आज की मत 60000 रुपए है,

तो इस टोकन के लिए भी कोई ₹40000 या ₹50000 तो दे देगा ना क्योंकि जिसके पास यह है उसको फ्री में दो महीने बाद एमआरएफ का शेर मिलने वाला है,

तो इस टोकन की कीमत भी कम से कम 40 से 50 हजार रुपए तो होगा ही, तो यही टोकन है एमआरएफ का फ्यूचर क्योंकि इससे आपको फ्यूचर में 2 महीने बाद एमआरएफ का शेर मिलने वाला है यही होता है Futures.

ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है? | What is Option Trading?

ऑप्शन ट्रेडिंग सबसे ज्यादा रिस्की मानी जाती है इसमें आपको कुछ ही मिनटों में लाखों रुपए का प्रॉफिट और कुछ ही मिनटों में लाखों रुपए का नुकसान भी हो सकता है क्योंकि ऑप्शन ट्रेडिंग चार्ट पर प्रीमियम के प्राइस बहुत तेजी से ऊपर नीचे होते हैं।

ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए आपको बहुत ही कम पैसों की जरूरत होती है यहां तक कि आप 100 रुपये से भी option trading की शुरुआत कर सकते हैं,

इसलिए अधिकतर लोग ट्रेडिंग का शुरुआत ऑप्शन ट्रेडिंग से करते हैं लेकिन यह सबसे ज्यादा रिस्की होने के कारण लॉस कर सकते हैं।

कॉल और पुट ऑप्शंस को खरीदने और बेचने वाली ट्रेडिंग को ही ऑप्शन ट्रेडिंग कहते हैं। कॉल ऑप्शन को खरीदने का मतलब है कि आप शेयर मार्केट पर bullish है और पुट ऑप्शन को खरीदने का मतलब है कि आप bearish हैं।

इसमें आप दो तरह से पैसा कमा सकते हैं option buying करके और option selling करके। आपको बता दूं कि शेयर मार्केट में 80% option buyers है जबकि केवल 20% option sellers हैं।

इसका कारण यह है कि option buying में आप 100-200 रुपये से भी शुरुआत कर सकते हैं जबकि ऑप्शन सेलिंग में आपको लाखों रुपए की जरूरत होती है।

ऑप्शन सेलिंग, ऑप्शन buying से कम रिस्की है लेकिन ऑप्शन सीलिंग करने के लिए आपके पास अच्छा खासा कैपिटल होना चाहिए तभी आप ऑप्शन सेलर बन सकते हैं।

यह भी जान लें कि 75% option sellers पैसा कमाते हैं जबकि केवल 25% option buyers ही पैसा कमा पाते हैं। इसका कारण यह है कि ऑप्शन सेलिंग में प्रॉफिट होने का चांस 66.6% है जबकि ऑप्शन buying प्रॉफिट होने का चांस 33.3% है।

मैं एक बात और आपसे कहना चाहता हूं कि जिंदगी में कभी भी Loan लेकर option trading कभी मत करना क्योंकि ऐसा करने से बहुत सारे लोग already बर्बाद हो चुके हैं।

इसीलिए पहले इसे अच्छे से सीख ले, समझ ले, ट्रेडिंग साइकोलॉजी पर पकड़ बना लें, इसके सारे बेसिक नियमों को जान लें उसके बाद ही थोड़ा- थोड़ा पैसा लगाकर शुरुआत करें।

इसके अलावा भी ट्रेडिंग में कुछ terms आपने सुना होगा उसके बारे में भी थोड़ा बात कर लेते हैं–

Delivery trading kya hai :

डिलीवरी ट्रेडिंग का मतलब होता है की आप स्टॉक को डिलीवरी होने तक hold करते हैं इसका मतलब एक बार स्टॉक आपके डिमैट अकाउंट तक पहुंच गया तो उसके बाद कभी भी उसे sell कर सकते हो, यह लॉन्ग टर्म और शर्ट दोनों के लिए हो सकता है।

Algo trading kya hai :–

आजकल Algo trading काफी प्रचलित है आपने भी कहीं ना कहीं जरूर सुना होगा, Algo trading में लोगों की जरूरत नहीं होती है बल्कि कंप्यूटर्स में कुछ algorithms और software के द्वारा automatic ट्रेडिंग की जाती है। ट्रेडिंग के दुनिया में यह काफी बड़ा रिवॉल्यूशन ला रहा है क्योंकि इसमें कोई भी इमोशन नहीं होता है काफी बेहतर ढंग से ट्रेड करता है।

Margin trading kya hai :–

जब भी आप अपने ब्रोकर के द्वारा किसी पार्टिकुलर stock में आप मार्जिन लेकर ट्रेडिंग करते हैं तो उसे मार्जिन ट्रेडिंग या leverage trading भी बोला जाता है।

Margin का मतलब होता है ट्रेडिंग में जो पैसा लग रहा है उसमें से कुछ आपको ब्रोकर प्रोवाइड कर रहा है जितना पैसा ब्रोकर प्रोवाइड करता है वही मार्जिन कहलाता है।

इसे दूसरे शब्दों में बोले तो- ऐसा पैसा जो आपने दिया नहीं है बल्कि आपका ब्रोकर आपको ट्रेडिंग करने के लिए दे रहा है मार्जिन कहलाता है।

Margin trading की facility आजकल लगभग हर broking apps में दी जाती है। इनमें आपको 20% से लेकर 5X तक मार्जिन मिलता है। अगर आप स्टॉक में इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं तो आपको 5X तक मार्जिन मिल सकता है।

लेकिन याद रहे मार्जिन ट्रेडिंग में Risk भी ज्यादा होता है क्योंकि जो लॉस होता है वह टोटल लॉस आपको ही देना पड़ता है। इसमें जो लॉस होता है टोटल कैपिटल पर लॉस होता है ना कि जो सिर्फ आपने दिया है उस पर,

और इसका भरपाई सिर्फ आपके द्वारा दी गई कैपिटल से ही होता है। इसीलिए मार्जिन ट्रेडिंग केवल तभी करें जब आपको अपनी ट्रेड पर पूरा विश्वास हो।

Muhurat trading kya hai :–

जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है किसी शुभ मुहूर्त पर की जाने वाली trading को मुहूर्त ट्रेडिंग कहते हैं। यह अधिकतर दिवाली के मौके पर की जाती है जिसमे किसी निश्चित शुभ समय के दौरान इस ट्रेडिंग को किया जाता है। मुहूर्त के दिन मार्केट पूरे दिन नहीं चलता है सिर्फ मुहूर्त के टाइम एक से दो घंटे के लिए open होता है।

ट्रेडिंग में क्या-क्या आता है? (Trading mein kya-kya aata hai?)

Trading mein kya-kya aata hai
Trading mein kya-kya aata hai?

ट्रेडिंग के अंतर्गत टेक्निकल एनालिसिस की सभी चीजें आती है जैसे– सपोर्ट रेजिस्टेंस, चार्ट पेटर्न्स, प्राइस एक्शन, इंडिकेटर्स, वॉल्यूम, पुट कॉल रेश्यो आदि आते हैं।

ट्रेडिंग के अंतर्गत फंडामेंटल एनालिसिस की सभी चीज आते हैं जैसे– बैलेंस शीट, प्रॉफिट लॉस स्टेटमेंट, नेट सेल, नेट प्रॉफिट, EV Ratio, PB Ratio आदि आते हैं।

अगर इन सभी चीजों को एक-एक करके देखा जाए तो trading एक बहुत बड़ा क्षेत्र है जिसमें काफी चीजें समाहित हैं।

उदाहरण के लिए:–

अगर हम चार्ट पेटर्न्स सीखे तो तरह-तरह की chart patterns होते हैं जिन्हें सीखने में आपको हफ्तों से लेकर महीने लग सकते हैं।

इसी प्रकार indicators भी कई प्रकार के होते हैं जिसमें EMA (Exponential Moving Average) इंडिकेटर मेरा फेवरेट है। इसके अलावा मूविंग एवरेज भी अलग-अलग तरह के होते हैं।

इसे तो डेटिंग में लाखों इंडिकेटर है लेकिन उनमें से कुछ नहीं सीखने लायक है इसलिए सभी इंडिकेटर के पीछे ना भाग है इसमें से किसी एक इंडिकेटर पर अपना अच्छा पकड़ बना ले सही रहेगा।

कैंडलस्टिक चार्ट pattern को देखा जाए तो इसमें भी तरह-तरह की candle होती हैं और हर कैंडल का अलग तरीके से काम करता है।

इस प्रकार अगर देखा जाए तो ट्रेडिंग में बहुत सारी चीजें होती है लेकिन ट्रेडिंग में सफल होने के लिए आपको किसी एक चीज पर मजबूत पकड़ बनानी पड़ती है और सब कुछ के बारे में थोड़ा-थोड़ा नॉलेज की जरूरत होती है।

अब तक आप सीख चुके हैं कि ट्रेडिंग क्या होती है, कितने प्रकार की होती है, कैसे काम करती है और ट्रेडिंग में क्या-क्या आता है, अब जानते हैं कि शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कैसे की जाती है–

ट्रेडिंग कैसे काम करती है? | How Trading Works in Hindi?

“ट्रेडिंग डिमांड और सप्लाई के नियम पर काम करता है जैसे कोई कंपनी अच्छा कर रहा है यानी प्रॉफिटेबल है तो उस कंपनी के शेयर का डिमांड बढ़ जाता है यानी लोग उसे buy करना पसंद करते हैं जिससे उस stock का price भी बढ़ जाता है और इसके विपरीत जब कोई कंपनी लॉस में जाता है तो उसके शेयर की कीमत घटने लगती है क्योंकि इसका डिमांड घट जाता है, इसी प्रकार स्टॉक मार्केट काम करता है।”

ट्रेडिंग किस तरीके से काम करती हैं यह समझने के लिए आपको trading volume को समझना आवश्यक है। अगर आज किसी स्टॉक में buying volume ज्यादा है और

selling वॉल्यूम कम तो इससे यह पता चलता है कि आज इस शेयर का डिमांड अधिक है जिससे इस शेयर का price ऊपर जाएगा।

वही जब सेलिंग वॉल्यूम ज्यादा होता है तो इसे यह पता चलता है कि आज इस स्टॉक का डिमांड बहुत कम है जिससे इस स्टॉक का प्राइस नीचे जाने वाला है।

इसके अलावा ट्रेडिंग में शेयर की कीमत कैसे ऊपर नीचे होती है इसे समझने के लिए Bid और Ask price पर नजर रखें, Bid price का मतलब होता है कि buyer किस प्राइस पर शेयर खरीदने के लिए तैयार है और Ask price का मतलब है कि seller किस प्राइस पर शेयर बेचने को तैयार है।

आपको इतना पता होना चाहिए कि किसी भी स्टॉक में ट्रेडिंग तब तक संभव नहीं है जब तक bid और ask price मैच ना कर जाए। इसका मतलब यह है कि जब खरीदार विक्रेता दोनों जिस मूल्य पर शेयर खरीदने और बेचने को तैयार हो जाता है उसे मूल पर वह स्टॉक ट्रेड करने लगता है।

ट्रेडिंग करते समय क्या सोचना चाहिए? (Trading karate samay kya sochana chahie?)

Trading karate samay kya sochana chahie
Trading karate samay kya sochana chahie

ट्रेडिंग करते समय आपको अपने mindset पर कंट्रोल करना बहुत जरूरी है। आपको हमेशा रिस्क मैनेजमेंट करके रखना चाहिए यानी, आप पहले ही decide कर लें कि आपको आज दिन में कितनी बार ट्रेड करना है और आप कितना maximum loss ले सकते हैं।

जब आप पूरी तरह से trading करने के तैयार हो तब ट्रेडिंग करना start करें, ये ना हो की आप ट्रेडिंग तो कर रहे हो और आपका दिमाग कहीं और घूम रहा हो,

ऐसे में अगर आप ट्रेडिंग में सही से फॉक्स नहीं कर पाएंगे तो सही डिसीजन कभी नहीं ले पाएंगे और बहुत बड़ा लॉस हो सकता है,

इसलिए कभी भी ज्यादा दुखी या ज्यादा खुश होकर ट्रेडिंग मत करें। हो सके तो ट्रेडिंग स्टार्ट करने से पहले थोड़ा बहुत मेडिटेशन कर ले तो बेहतर रहेगा।

Trading में साइकोलॉजी बहुत महत्वपूर्ण होती है मतलब अगर आपको किसी दिन लगातार 3 ट्रेड में Loss हुआ तो आप चौथी बार भी ट्रेड करेंगे क्योंकि आपको अपने नुकसान की भरपाई करनी है,

ऐसी साइकोलॉजी बहुत सारे लोगों की होती है जिसके चक्कर में वह फ्रस्ट्रेशन के चलते अपना दुगुना नुकसान कर बैठते हैं।

अगर आपको लगातार loss हो रहा है तो आपको उस दिन कुछ समय के लिए ट्रेडिंग बंद कर देनी चाहिए। जबरदस्ती के ट्रेड नहीं करनी है क्योंकि हो सकता है,

उसे दिन मार्केट सही नहीं हो और आपका कोई सेटअप चलना नहीं रहा हो, ऐसे में over trade करेंगे तो बड़ा नुकसान हो सकता है।

अगर कोई स्टॉक आपके टारगेट के पास आ गया हो तो आपको निकालना ही है यह न की थोड़ा वेट करें शायद ऊपर जा सकता है इससे आप बड़ा लॉस कर बैठोगे क्योंकि आपको खुद के साइकोलॉजी कंट्रोल नहीं है इसलिए आप जो भी रूल्स बनोगे उसको 100 परसेंट फॉलो करना होगा।

आपको इस प्रकार का mindset रखना चाहिए कि अगर कोई शेयर खरीदे गए price से 10% ऊपर चला जाता है तो आप उसे कभी भी loss में नहीं बेचेंगे।

आइये अब जानते हैं कि नए लोग ट्रेडिंग कैसे करें सकते हैं–

ट्रेडिंग कैसे करें? (Share market me trading kaise kare?)

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले आपको किसी ब्रोकर के पास डिमैट अकाउंट खुलवाना पड़ता है. इसके बाद आपको अपने ट्रेडिंग अकाउंट में पैसा ऐड करना पड़ता है, फिर आप किसी भी stock को select करके उसमें ट्रेडिंग करना शुरू कर सकते हैं।

ट्रेडिंग शुरू करना इतना भी आसान नहीं है जितना हो सके बिना सीखें ट्रेडिंग स्टार्ट ना करें, पहले ट्रेडिंग को अच्छे से सीखे उसके बाद पेपर ट्रेड करें अगर इसमें अच्छा रिजल्ट रहा तो थोड़े से कैप्टन से ट्रेडिंग स्टार्ट कर सकते हैं, धीरे-धीरे अपना कैपिटल बढ़ाना है।

शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए Zerodha और Upstox best discount broker apps हैं। दोस्तों मैं भी Zerodha के द्वारा ही stocks में ट्रेडिंग करता हूं।

अगर आप stock market में ऑप्शन ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो पहले आपको अपने डिमैट अकाउंट में जाकर F&O यानी future and option सेगमेंट को activate करना पड़ता है। उसके बाद ही आप options में trading कर सकते हैं।

अब यह आपके ऊपर है कि आप इंट्राडे ट्रेडिंग करना चाहते हैं, स्विंग ट्रेडिंग करना चाहते हैं या फिर ऑप्शन ट्रेडिंग. उसी के हिसाब से आपको अपनी trading strategy तैयार करनी होगी।

आपको जिस भी प्रकार का ट्रेडिंग करनी है उसकी कोई एक strategy को पकड़े जो आपको यूट्यूब पर या बुक में या फिर किसी भी पोस्ट पर मिल जाएगा, उस पर अच्छे से प्रेक्टिस करें, back testing करें और लाइव मार्केट में भी टेस्टिंग कर ले यदि यह strategy ठीक-ठाक रिटर्न दे रहा हूं हो तो आप उस strategy पर ट्रेडिंग शुरू कर सकते हो।

ट्रेडिंग कैसे सीखें? | How to Learn Stock Trading in Hindi?

How to Learn Trading in Hindi
How to Learn Trading in Hindi

ट्रेडिंग सीखना बहुत जरूरी है क्योंकि बिना सीखे आप स्टॉक मार्केट में कुछ भी नहीं कर सकते हो, अगर बिना सीखे स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करते हैं तो शुरू में कुछ प्रॉफिट हो भी सकता है क्योंकि beginner luck हर किसी का काम करता है,

लेकिन एक प्रॉफिटेबल trader नहीं बन सकते हो क्योंकि beginner luck हमेशा काम नहीं करता है। ओवरऑल काफी बड़ा लॉस में जा सकते हो इसलिए बिना पूरी तरह ट्रेडिंग को सीखे actual trading नहीं करनी है आप सीखने के दौरान पेपर ट्रेडिंग कर सकते हो।

अच्छी तरह से ट्रेडिंग सीखने के लिए आपको निम्न बातों पर ध्यान देना होगा–

  1. शेयर मार्केट के basics क्लियर करें
  2.  फंडामेंटल एनालिसिस सीखे
  3.  टेक्निकल एनालिसिस सीखे
  4.  मार्केट कैसे काम करता है सीखे
  5.  Back टेस्टिंग करें
  6.  Live मार्केट में प्रैक्टिस करें
  7.  पेपर ट्रेडिंग से प्रैक्टिस करें
  8.  प्रत्येक ट्रेड का एनालिसिस करें
  9.  जो भी गलती हो उस गलती से सीखे
  10.  शेयर बाजार की किताबें पढ़ें
  11.  सफल स्टॉक मार्केट इन्वेस्टर और ट्रेंड को फॉलो करें
  12.  शेयर मार्केट के ब्लॉक और यूट्यूब चैनल को फॉलो करें
  13.  अपने हर गलती से सीखे

स्टॉक मार्केट में कई सारी ट्रेडिंग की किताबें उपलब्ध हैं। लेकिन किसी भी बुक को खरीदने से पहले यह डिसाइड करने की आप किस प्रकार की trading करना चाहते हैं ऑप्शन ट्रेडिंग, इंट्राडे ट्रेडिंग या कोई और। इसके बाद उस किताब के बारे में इंटरनेट पर ऑनलाइन रेटिंग जरूर चेक करें।

इंटरनेट को बहुत सारे ऑनलाइन ट्रेडिंग कोर्स उपलब्ध हैं लेकिन किसी भी कोर्स को लेने से पहले उसकी रेटिंग और रिसीव जरूर चेक कर लें। मैं तो कहता हूं कि आप ऑनलाइन कोर्स लेने के बजाय यूट्यूब चैनल्स के द्वारा फ्री में stock trading की videos देखें क्योंकि आजकल तो फ्री में इतना सारा कंटेंट इंटरनेट पर उपलब्ध है कि आप जो चाहे वह सीख सकते हैं।

ट्रेडिंग के नियम | Rules of Trading in Hindi?

शेयर मार्केट ट्रेडिंग में सफल होने के लिए नीचे दिए गए नियम जरूर फॉलो करें–

Trading में success पाने के लिए पहले आपको इसे सीखना होगा, जो लोग बनाना सीखे ट्रेडिंग करेंगे वह कभी भी सफल ट्रेडर नहीं बन सकते। यदि सफल ट्रेड बना है तो स्टॉक मार्केट को अच्छे से सीखना पड़ेगा तभी सफल ट्रेड और इन्वेस्ट बन सकते हो।

शेयर बाजार में कभी भी Loan लेकर ट्रेडिंग मत करें क्योंकि यदि आप लोन लेकर ट्रेड करेंगे तो आपका साइकोलॉजी कभी भी ठीक नहीं रह सकता है,

ट्रेडिंग में साइकोलॉजी का योगदान काफी अहम होता है। अगर आप ऐसा करते हैं तो बहुत बड़ी मुसीबत में फंस सकते हैं।

कभी भी अपना पूरा पैसा एक साथ ना ना लगाएं और ऑप्शन ट्रेडिंग में तो बिल्कुल भी नहीं क्योंकि स्टॉक मार्केट में कभी भी कुछ भी हो सकता है,

हो सकता है आपके ब्रोकिंग एप में कुछ दिक्कत हो गया तो आप क्या करोगे अगर आपके पास कुछ फंड बचा रहेगा तभी अपने पोजीशन के विपरीत कोई दूसरा पोजीशन बना लेंगे जिससे मार्केट में कुछ भी हो आपको ज्यादा लॉस नहीं होगा।

ट्रेडिंग करते समय हमेशा stop loss लगाकर रखें क्योंकि मैंने आपको पहले बताया है कि स्टॉक मार्केट में कभी भी कुछ भी हो सकता है इसलिए ध्यान रखें बिना स्टॉप लॉस के ट्रेडिंग नहीं करनी है।

पहले ही तय कर लें कि आपको किस लेवल पर entry लेनी है और किस लेवल पर exit लेना है। ट्रेड में entry लेने के बाद एनालिसिस नहीं करनी है जो भी एनालिसिस करना है वह सब ट्रेड में एंट्री लेने से पहले कर लेना है।

ज्यादा लालच मत करें पहले से ही अपना माइंडसेट clear रखें आपका टारगेट पूरा होते हैं Exit करना है नहीं तो यही लालच है कभी आपको बहुत बड़ा नुकसान कर सकता है।

Risk management और money management को कभी नहीं भूलना है क्योंकि पूरा ट्रेडिंग रिस्क मैनेजमेंट और मनी मैनेजमेंट पर ही निर्भर है इसमें थोड़ा भी गलती करोगे बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है इसलिए इसे हमेशा ध्यान रखना है।

ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमाए? (Trading se paise kaise kamaye?)

Trading se paise kaise kamaye
Trading se paise kaise kamaye

अगर आपको ट्रेडिंग में लगातार पैसा बनाना है तो सबसे पहले ट्रेडिंग को सही से समझना और सीखना होगा साथ में खुद को भी समझना होगा कि मैं खुद किस प्रकार का trader हूं मेरा mindset कैसा है तभी आप लगातार पैसा कमा सकते हो।

ट्रेडिंग कैसे सीखे इसके बारे में ऊपर हमने काफी विस्तार में बात की है और खुद को कैसे समझे कि मैं किस प्रकार का trader हूं,

मेरा mindset कैसा है इसके लिए सभी प्रकार के ट्रेडिंग को थोड़ा-थोड़ा आजमाना होगा तभी आप जान सकते हो कि आप किस प्रकार के trader हो।

एक बार आपको पता चल जाए कि आपको कौन सी trading style सूट करता है तो इसके बाद उस ट्रेडिंग के कोई एक strategy पकड़े उस पर जितना हो सके पहले प्रैक्टिस कर ले, हर प्रकार के मार्केट के मूवमेंट (गतिविधि) में प्रैक्टिस कर ले उसके बाद छोटे से कैपिटल से ट्रेडिंग स्टार्ट कर सकते हो।

जैसा कि मैंने ऊपर ही बताया था कि अगर आप चार्ट पर अगली कैंडल predict कर लेते हैं तो ट्रेडिंग से आप बहुत पैसा कमा सकते हैं।

मैं जानता हूं कि 100% accuracy के साथ कोई भी chart predict नहीं कर सकता लेकिन स्टॉक मार्केट में बहुत सारे ऐसे ट्रेडर हैं जो 70-80% accuracy के साथ chart prediction कर लेते हैं।

ऐसा वह इसीलिए कर पाते हैं क्योंकि इसके पीछे उनकी सालों की मेहनत, ट्रेडिंग का अनुभव होता है। अगर आप भी लगातार प्रैक्टिस करेंगे तो धीरे-धीरे आप भी chart prediction में expert बनते जाएंगे।

ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग में क्या अंतर है? | What is Different Between Trading and Investing?

Theoretical definition के अनुसार देखा जाए तो इन्वेस्टिंग और ट्रेडिंग में कोई डिफरेंस नहीं है क्योंकि लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग को ही इन्वेस्टिंग कहते हैं। लेकिन हम लोग ट्रेडिंग का मतलब शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग ही समझते हैं इसलिए शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग के कुछ मुख्य अंतर को मैं बता रहा हूं–

  • ट्रेडिंग में आपको टेक्निकल एनालिसिस पर फोकस करना पड़ता है जबकि इन्वेस्टिंग में फंडामेंटल एनालिसिस पर फोकस करना होता है।
  • ट्रेडिंग करते समय प्राइस एक्शन और चार्ट देखना महत्वपूर्ण होता है जबकि investing में कंपनी का बिजनेस मॉडल और बैलेंस शीट देखना जरूरी होता है।
  • ट्रेडिंग में stock की price history चेक करना पड़ता है जबकि इन्वेस्ट में कंपनी का पास्ट परफॉर्मेंस चेक करना पड़ता है।
  • Trading से short term में पैसा कमाया जाता है जबकि investing से long term में पैसा कमाया जाता है।
  • ट्रेडिंग में कोई भी डिसीजन बड़ा जल्दी लेना पड़ता है जिसके कारण यह काम थोड़ा स्ट्रेस भरा होता है जबकि इन्वेस्टिंग में कोई भी डिसीजन लेने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है।

ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान | Pros and Cons of Trading.

Pros and Cons of Trading.
Pros and Cons of Trading.

हर चीज के कुछ ना कुछ pros and cous होता है ठीक उसी प्रकार ट्रेडिंग के भी बहुत सारे फायदे और नुकसान है। अगर आप ट्रेडिंग करना सोच रहे हैं या फिर करना शुरू कर दिया हो तो आपको ट्रेडिंग में फायदा और नुकसान के बारे में जानना बेहद जरूरी है।

नीचे मैंने आपको ट्रेडिंग के कुछ मुख्य फायदे और नुकसान के बारे में बताया है–

ट्रेडिंग के फायदे क्या है? | What is Advantages of Trading?

  • ट्रेडिंग एक ऐसा प्रोफेशन है जिसमें आप किसी का गुलामी नहीं करना होता है, जब मन होगा आपको करोगे जब मन होगा आपको बंद कर सकते हो।
  • यह कैसा प्रोफेशन है जिसमें कोई भी आपको देखकर अंदाजा नहीं लग सकता है कि आप कितने कमा रहे हो, जब तक आप उसे ना बताएं तब तक आपके बारे में कुछ भी नहीं जान सकता है।
  • सिर्फ ट्रेडिंग ही एक ऐसा प्रोफेशन है जिसमें आप दुनिया के किसी भी कोने से काम कर सकते हो आपके पास केवल एक लैपटॉप और कुछ इंटरनेट हो आप ट्रेडिंग कहीं से भी कर सकते हो।
  • ट्रेडिंग सीखने या करने के लिए कोई भी प्रोफेशनल डिग्री की जरूरत नहीं होती हैं। आप किसी भी बैकग्राउंड से हो आप डेटिंग सीख सकते हो अगर आप में सीखने चाहत हो तो।
  • Trading में आपका नुकसान केवल उतना ही है जितना आप capital लगा रहे हैं जबकि प्रॉफिट अनलिमिटेड है।
  • ट्रेडिंग करने के लिए आपको कहीं भी जाने की जरूरत नहीं होती है। आप घर बैठे अपने मोबाइल से ट्रेडिंग करके दिन का लाखों रुपए कमा सकते हैं।

ट्रेडिंग के नुकसान क्या है? | What is Disadvantages of Trading?

  • ट्रेडिंग का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि, अगर आपको खुद पर कंट्रोल नहीं है तो ट्रेडिंग एक आदत (Addiction) बन सकता है जो की बहुत नुकसान करवा सकता है।
  • अगर ट्रेडिंग में नुकसान होता है तो इंसान किसी को बात भी नहीं सकता है जो डिप्रेशन का बहुत बड़ा कारण बन जाता है, इसलिए ट्रेडिंग कभी भी काम के पैसे से, लोन के पैसे से या फिर किसी से पैसे मांग कर नहीं करना चाहिए नहीं तो लॉस हो जाएगा तो आप बहुत बड़ी प्रॉब्लम में फंस सकते हो।
  • अगर आप margin लेकर ट्रेडिंग करते हैं तो तो आपका risk और भी ज्यादा बढ़ जाता है, इसलिए पहले आप अपना रिस्क को कैलकुलेट कर ले फिर उस हिसाब से ट्रेडिंग करें जिससे आप प्रॉब्लम में नहीं कर सकते हो।
  • शुरुआत में लोग इतना Over trade करते हैं कि वे प्रॉफिट में भी हो तो भी ब्रोकिंग चार्ज के कारण वे लॉस में ही होते हैं इसलिए शुरुआती समय में इससे बचे, इसके लिए एक दिन में मैक्सिमम कितना ट्रेड करना है यह आप पहले फिक्स कर ले तभी आप ओवर ट्रेड से बच सकते हो।
  • ट्रेडिंग में यह सच है कि जितने लोग इसमें पैसे कमाते हैं उससे कई गुना ज्यादा लोग नुकसान करते हैं जिसका कारण है बिना सीखे ट्रेडिंग करना है।

ट्रेडिंग करने से पहले क्या ध्यान रखें?

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करते समय आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए–

1. News के आधार पर ट्रेडिंग करते समय सतर्क रहें–

बहुत सारे लोग news के आधार पर ट्रेडिंग करते हैं, मतलब जब भी किसी स्टॉक में अच्छी न्यूज़ आती है तो उसे खरीद लेते हैं। फिर जब कुछ समय बाद उसी news के चलते बहुत सारे लोग उसी share में निवेश करने लगते हैं तो उसका शेयर प्राइस बढ़ जाता है और तब वह आपने शेयर बेचकर प्रॉफिट कमा लेते हैं।

बहुत सारे लोग news के आधार पर ट्रेडिंग करके खूब पैसा कमाते हैं। लेकर आपको पता होना चाहिए कि स्टॉक मार्केट में झूठी खबरें बहुत तेजी से फैलती हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से घटिया कंपनियों का प्रमोशन किया जाता है जिसमें छोटे रिटेल निवेशक फस जाते हैं और ऑपरेटर आपका पूरा पैसा लेकर भाग जाते हैं।

इसलिए आप जब भी न्यूज़ के आधार पर ट्रेडिंग करोगे उससे पहले उस न्यूज़ के बारे में अच्छे से पता लगा ले ये ना हो गलत न्यूज़ फैलाकर रिटेल इन्वेस्ट फसाया जा रहा हूं और आप उसमें जाकर फस जाए फिर निकल भी नहीं पाओगे उसमें आपको बहुत बड़ा नुकसान हो जाएगा।

हो सके तो शुरुआती दोनों में न्यूज़ के आधार पर डेटिंग ना करें तो बेहतर रहेगा क्योंकि हमारे पास जो भी न्यूज़ आता है वह काफी लेट आता है जिसके कारण जब बड़े-बड़े इन्वेस्टर एग्जिट लेते हैं तब हम जैसे रिटेल इन्वेस्ट उसमें एंट्री लेते हैं और फस जाते हैं।

2. पेनी स्टॉक में ट्रेडिंग करने से बचे–

वही स्टॉक जिसकी कीमत बहुत ही कम होती है उन्हें पहनी स्टोर करते हैं। जब हम लोग स्टॉक मार्केट को सीख रहे होते हैं तो हमें लगता है कि जिस स्टॉक का प्राइस बहुत ही कम है यानी 1 से 5 रुपए हैं स्टॉक बड़ा जल्दी डबल हो सकता है क्योंकि इसका प्राइस ₹1 है उसे डबल होने के लिए बस ₹2 होना पड़ेगा जो बड़ा जल्दी हो सकता है,

लेकिन यह सबसे बड़ा बेहम है की जो सस्ता है वह बड़ा जल्दी डबल हो सकता है। देखो डबल तो पता नहीं लेकिन बहुत जल्दी आधा हो सकता है इसलिए ऐसे स्टॉक से जितना हो सके दूर रहे क्योंकि कभी-कभी यह भी होता है कि इसे खरीद तो लिया पर बेचे गए तो कोई buyer ही नहीं है तो आप फस सकते हैं।

3. टिप्स देने वाले से बहुत दूर रहे–

आजकल तो सोशल मीडिया पर हर कोई टिप्स दे रहा है जिसे स्टॉक मार्केट के बारे में कुछ भी नहीं पता है वह भी टिप्स दे रहा है की यह स्टॉक ले लो 2 दिन में 2 गुना हो सकता है।

ऐसे लोगों से जितना हो सके बचकर रहे हैं क्योंकि यह लोग वही हैं जिसे बड़े-बड़े इन्वेस्ट पैसे देकर किसी भी स्टॉक को speculate करते हैं।

इसलिए खुद के एनालिसिस पर ही अपना पैसा लगे इससे लॉस भी होगा तो आपको सीखने को मिलेगा यदि आप किसी के टिप्स पर पैसा लगा देंगे तो लॉस होगा तो हमको कुछ समझ नहीं आएगा क्यों यह लॉस हो रहा है जिससेआप प्रॉब्लम में जा सकते हैं।

What is Trading?

FAQs

Q: ट्रेडिंग सीखने में कितने दिन लगेंगे?

Ans: यह person to person varie करता है अर्थात ट्रेडिंग सीखने में किसी को 6 महीना लगता है, तो किसी को साल भर और किसी को 5 साल भी लग जाता है, इसलिए ये केवल आप पर निर्भर करता है कि आप कितनी जल्दी सिखाते हो।

Q: क्या हम बिना सीखे ट्रेडिंग कर सकते हैं?

Ans: बिना सीखे ट्रेडिंग कर तो सकते हो पर कभी भी एक successful trader नहीं बन पाओगे, इसलिए जितना हो सके ट्रेडिंग को सीख कर ही करें किसी के टिप्स पर आश्रित ना रहे वरना किसी दिन बड़ा लॉस जाओगे।

Q: ट्रेडिंग करने के लिए कितना पैसा चाहिए?

Ans: ऐसे तो कोई न्यूनतम राशि डिफाइन नहीं किया गया है लेकिन तब भी अगर trader बना है, ट्रेडिंग सीखनी है तो कम से कम ₹10,000 से शुरू कर सकते हो। शुरुआती दिनों में ज्यादा कैपिटल से शुरू नहीं करनी है क्योंकि सीखने में लगभग आपका सब कैपिटल उड़ सकता है।

Q: क्या मैं 500 रुपये से इंट्राडे ट्रेडिंग शुरू कर सकता हूं?

Ans: जी हां आप ₹500 से ट्रेडिंग शुरू कर सकते हो लेकिन ₹500 से ट्रेडिंग करोगे तो प्रॉफिट से ज्यादा ब्रोकरेज चार्ज ही लग जाएगा जिससे प्रॉफिट करने के बाद भी आप लॉस में रहोगे इसलिए पहले स्टॉक मार्केट को अच्छे से सीखे उसके बाद कम से कम 10000 रुपए से ट्रेडिंग स्टार्ट करें।

Q: ट्रेडिंग क्या होती है?

Ans:ट्रेडिंग वह प्रक्रिया है जिसमें मुनाफा कमाने के लिए लोग किसी भी वस्तुओं और सेवाओं की खरीद बिक्री करते हैं। ट्रेडिंग करने वाले लोगों को Traders कहा जाता है। ट्रेडिंग का मुख्य मकसद चीजों को कम दाम में खरीदना और अधिक दाम में बेचकर प्रॉफिट कमाना होता है।”

Q: Trading Meaning in Hindi

Ans: ट्रेडिंग का असली अर्थ होता है ‘व्यापार’ मतलब लोग बाजार से लाभ कमाने के लिए चीजों को एक जगह से दूसरी जगह भेजते हैं इसे ट्रेड करते हैं।

Q: शेयर मार्केट में ट्रेडिंग क्या है?

Ans: शेयर मार्केट में ट्रेडिंग का मतलब है शेयर को खरीदना और बेचना. स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग दो प्रकार की होती है शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग और लोंग टर्म ट्रेडिंग, लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग को हीइन्वेस्टिंग कहते हैं। अधिकतर ट्रेडर्स शेयर बाजार से जल्दी प्रॉफिट कमाने के लिए इंट्राडे और ऑप्शन ट्रेडिंग करते हैं।

Q: Online Trading Kay Hai?

Ans: ऑनलाइन ट्रेडिंग केवल शेयर मार्केट में ही नहीं बल्कि कमोडिटी मार्केट, Forex मार्केट और Crypto मार्केट में भी होती है। कमोडिटी मार्केट में Gold, Silver, Crude oil, Food आदि commodities की ट्रेडिंग की जाती है जबकि Forex market में प्रत्येक देश के currencies जैसे; Rupees, Doller, Pound आदि की trading की जाती है।

Q: ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है?

Ans: ट्रेडिंग को टाइम फ्रेम के अनुसार 5 types में बांटा गया है–

  • Scalping Trading
  • Intraday Trading
  • Swing Trading
  • Short Term Trading
  • Long Term Trading

स्किपिंग ट्रेडिंग क्या है?Q:

Ans: “scalping का हिंदी अर्थ होता है कालाबाजारी मतलब ऐसी ट्रेडिंग जिसमें शेयर बाजार के नियमों से हटकर ट्रेडिंग की जाती है उसे ‘scalp trading’ कहा जाता है।”

इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है?

Ans: “एक ही दिन में शेयर को खरीदने और बेचने वाले ट्रेडिंग को ‘इंट्राडे ट्रेडिंग‘ कहते हैं. इसमें आपको उसी दिन शेयर को buy और sell करना पड़ता है।”

Q: स्विंग ट्रेडिंग क्या है?

Ans: वैसा ट्रेडिंग जो एक सप्ताह से लेकर एक महीना तक चलता है वह ‘स्विंग ट्रेडिंग‘ कहलाता है। स्विंग ट्रेडिंग में में अधिकतर लोग 5% से लेकर 20% profit होने पर अपने खरीदे हुए शेयर को sell करते हैं फिर चाहे उसमें 1 हफ्ता लगे या 1 महीना, यह मायने नहीं रखता।

Q: शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग क्या है?

Ans: शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग वह ट्रेडिंग होता है जिसमें हम लोग एक महीना से लेकर 5 से 6 महीना तक का पोजीशन बनाते हैं इसका टारगेट 20% से लेकर 100% तक का होता है, शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग हमेशा अच्छे स्टॉक में किया जाता है।

Q: लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग क्या है?

Ans: लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग के अंतर्गत पोजीशनल ट्रेडिंग आती है, पोजीशनल ट्रेडिंग में आप शेयर को डिलीवरी में खरीदते हैं और इसमें 2 साल से 5 साल के लिए अपनी पोजीशन होल्ड करते हैं।

Q: फारवर्ड कॉन्ट्रैक्ट क्या है?

Ans: “फॉरवार्ड कांट्रैक्ट, दो पक्षियों के बीच एक समझौता होता है, भविष्य की किसी तारीख पर किसी खास कीमत पर कोई संपत्ति खरीदने या बेचने का वादा होता हैं।”

Q: ट्रेडिंग सीखने के लिए क्या करना पड़ता है?

Ans: अच्छी तरह से ट्रेडिंग सीखने के लिए आपको निम्न बातों पर ध्यान देना होगा–

  1. शेयर मार्केट के basics क्लियर करें
  2.  फंडामेंटल एनालिसिस सीखे
  3.  टेक्निकल एनालिसिस सीखे
  4.  मार्केट कैसे काम करता है सीखे
  5.  Back टेस्टिंग करें
  6.  Live मार्केट में प्रैक्टिस करें
  7.  पेपर ट्रेडिंग से प्रैक्टिस करें
  8.  प्रत्येक ट्रेड का एनालिसिस करें
  9.  जो भी गलती हो उस गलती से सीखे
  10.  शेयर बाजार की किताबें पढ़ें
  11.  सफल स्टॉक मार्केट इन्वेस्टर और ट्रेंड को फॉलो करें
  12.  शेयर मार्केट के ब्लॉक और यूट्यूब चैनल को फॉलो करें
  13.  अपने हर गलती से सीखे

Q: ट्रेडिंग का क्या मतलब होता है?

Ans: ट्रेडिंग का असली अर्थ होता है ‘व्यापार’ मतलब लोग बाजार से लाभ कमाने के लिए चीजों को एक जगह से दूसरी जगह भेजते हैं इसे ट्रेड करते हैं। स्टॉक मार्केट में जो ट्रेडिंग किया जाता है उसे ऑनलाइन ट्रेडिंग करते हैं, जिसमें हम किसी कंपनी के स्टॉक को ट्रेड करते हैं।

Q: ट्रेडिंग करने से पहले क्या करना चाहिए?

Ans: ट्रेडिंग करने से पहले पूरा एनालाइज कर लेना है कि आज मार्केट कैसे बिहेव करेगा तो हमें कौन-कौन सा पोजीशन बनाना है। जितना भी सपोर्ट रजिस्टर हो सबको ट्रेडिंग स्टार्ट करने से पहले देख लेना है।

Q: ट्रेडिंग करते समय क्या सोचना चाहिए?

Ans: ट्रेडिंग करते समय हमें एक ही बात पर ज्यादा ध्यान देनी है की हमें कम से कम लॉस कैसे हो, अगर आप लॉस मैनेजमेंट कर लोगे तो प्रॉफिट खुद बन जाएगा, लॉस सबको होता है जो प्रॉफिटेबल trader है उसका लॉस छोटा और प्रॉफिट बड़ा होता है।

Q: क्या मैं अपने दम पर ट्रेडिंग सीख सकता हूं?

Ans: जरूर आज के समय में हर चीज easily available है आप जो भी सीखना चाहोगे घर बैठे सीख सकता हो। ट्रेडिंग सीखने के लिए आपको कहीं नहीं जानी है, किसी पर आश्रित नहीं होनी है और कोई पैसा नहीं देनी है अब सब कुछ यूट्यूब से, blog से फ्री में सीख सकते हो।

Q: 1 दिन में शेयर बाजार में कितना पैसा कमा सकते हैं?

Ans: देखिए यह बात दो चीज पर निर्भर करता है पहले आपके पास कितना एक्सपीरियंस है और दूसरा आपके पास कितना कैपिटल है। स्टॉक मार्केट से एक दिन में आप लाखों कमा सकते हो, जितनी आपकी क्षमता हो उतनी कम सकते हो।

Q: क्या हम ट्रेडिंग से पैसे कमा सकते हैं?

Ans: अगर आप ट्रेडिंग को अच्छे से सीखोगे उसके बाद डिसिप्लिन के साथ ट्रेडिंग करोगे तो जरूर इसे पैसा कमा सकते हो लेकिन अगर आप कोई भी गलती करोगे तो अच्छा-खास लॉस भी हो सकता है, इसलिए सबसे पहले अच्छे से सीखे उसके बाद स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग या इन्वेस्टिंग करें।

Q: मार्जिन क्या है?

Ans: Margin का मतलब होता है ट्रेडिंग में जो पैसा लग रहा है उसमें से कुछ आपको ब्रोकर प्रोवाइड कर रहा है जितना पैसा ब्रोकर प्रोवाइड करता है वही मार्जिन कहलाता है। इसे दूसरे शब्दों में बोले तो- ऐसा पैसा जो आपने दिया नहीं है बल्कि आपका ब्रोकर आपको ट्रेडिंग करने के लिए दे रहा है मार्जिन कहलाता है।

Q: इंट्राडे में कितना मार्जिन मिलता है?

Ans: Margin trading की facility आजकल लगभग हर broking apps में दी जाती है। इनमें आपको 20% से लेकर 5X तक मार्जिन मिलता है। अगर आप स्टॉक में इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं तो आपको 5X तक मार्जिन मिल सकता है।

Q: ट्रेडिंग के लिए कितनी पूंजी की आवश्यकता है?

Ans: ऐसा कोई डिफाइन नहीं किया गया है। आप जितना कैपिटल से चाहे ट्रेडिंग कर सकते हो, लेकिन आपके पास इतना ज्यादा कैपिटल होगा उतना ज्यादा प्रॉफिट कमा सकते हो।

Q: एक शेयर बेचने पर कितना चार्ज लगता है?

Ans: एक शेयर को बेचने में 0.05% चार्ज लगता है। मान लीजिए कि आपके द्वारा खरीदे गए शेयर की लागत 100 रुपये है तो आपको चार्ज शुल्क 100 रुपये का 0.05% है, जो 0.05 रुपये होगा।

Q: फ्री ब्रोकरेज क्या है?

Ans: आजकल बहुत ब्रोकर ऐप है जो ट्रेडिंग करने के लिए कोई भी ब्रोकरेज चार्ज नहीं लेता है जैसे फ्री ब्रोकरेज या zero ब्रोकरेज कहा जाता है।

Q: भारत में सबसे सस्ता ब्रोकरेज कौन सा है?

Ans: भारत में बहुत सारे ब्रोकर अप है जो zero ब्रोकरेज चार्ज लेता है जैसे- Dhani Srocks, Master Trust, Tradingo,…

लेकिन थोड़ा सा ब्रोक रिचार्ज बचाने के लिए आप किसी भी app में ट्रेडिंग मत करें क्योंकि उसका service facility बहुत खराब होता है। यदि लाइव मार्केट में उसका app काम करना बंद कर दिया तो आप क्या करोगे इसे आपको बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है।

Ask price aur bid price kya hai?

Bid price का मतलब होता है कि buyer किस प्राइस पर शेयर खरीदने के लिए तैयार है और Ask price का मतलब है कि seller किस प्राइस पर शेयर बेचने को तैयार है।

Conclusion

मैं आशा करता हूं कि ट्रेडिंग क्या होती है? पूरी जानकारी हिंदी में आपको समझ में आया होगा, इसके बारे में काफी चीज पता चल गई होगी। अगर कोई सवाल है तो हमसे कमेंट में पूछ सकते हैं।

मैं इस पोस्ट के माध्यम से आपको भारतीय शेयर बाजार में ट्रेडिंग सीखने का सही तरीका के बारे में समझने की कोशिश किया हूं। जितना हो सके आप शेयर मार्केट को सीख कर ही इसमें काम करें किसी के टिप्स पर आश्रित ना रहे।

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