IPO क्या होता है? परिभाषा, अर्थ, प्रकार, रिस्क और लाभ | What is IPO in Hindi?

IPO के बारे में हम सब ने कहीं ना कहीं जरूर सुना है, स्टॉक मार्केट में IPO का अलग ही क्रेज रहता है इसलिए आज हम इस पोस्ट के माध्यम से जानेंगे IPO क्या होता है?, आईपीओ में इन्वेस्ट करना चाहिए या नहीं, अगर नहीं तो क्यों नहीं, अगर हां तो कैसे करना है?

आज इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको आईपीओ से जुड़े हर सवाल का जवाब मिल जाएगा और अगर आप Stock Market में बिल्कुल beginner भी हैं तो भी आप इसे अच्छे से समझ पाएंगे।

इसके अलावा मैं आपको IPO से संबंधित कुछ जरूरी बातें भी बताऊंगा। मैं वादा करता हूं अगर आपने इस आर्टिकल को अंत तक पूरा पढ़ लिया तो आपके मन में IPO से संबंधित कोई भी डाउट नहीं रहेगा।

इस ब्लॉक में मैं स्टॉक मार्केट के सभी concept को काफी सरल शब्दों में समझाया हूं। अगर आपको स्टॉक मार्केट के बारे में कुछ भी जानना हो तो इस ब्लॉक के और भी पोस्ट को पढ़ सकते हो और स्टॉक मार्केट में हमेशा अपडेट रहना चाहते हो तो इसे सब्सक्राइब करके हमारे इस Stock Market in Hindi के फैमिली मेंबर बन सकते हो।

Table of Contents

IPO क्या होता है? (IPO Kya Hota Hai?)

What is IPO
What is IPO? (Canva.com)

IPO का फुल फॉर्म Initial Public Offering है जिसे हिंदी में प्रारंभिक पब्लिक आफरिंग कहते हैं, इसके नाम से ही पता चलता है की पब्लिक के लिए पहली बार ऑफर करने वाले कोई चीज है।

अर्थात यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक कंपनी पहली बार अपने ownership (शेयर्स) का एक हिस्सा आम लोगों के लिए उपलब्ध कराती है। जब एक कंपनी IPO का ऐलान करती है, तो यह आम लोगों को उस कंपनी के शेयरों को खरीदने का मौका देती है।

इस प्रकार, कंपनी के ownership का एक हिस्सा सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध हो जाता है और लोग उसके शेयर्स को खरीद सकते हैं। इस प्रक्रिया के माध्यम से, कंपनी कैपिटल जुटा सकती है जिसे वह अपने व्यापार का विस्तार करने या नए परियोजनाओं को शुरू करने के लिए उपयोग कर सकती है।

किसी कंपनी का IPO बाजार में आने से निवेशकों को उनके शेयर्स खरीदकर उस कंपनी के व्यापार में भागीदार बनने का सुनहरा अवसर होता हैं।

IPO Meaning in Hindi?

IPO ka full form ‘Initial Publick Offering‘ है, जिसका अर्थ जब कोई कंपनी पहली बार पब्लिक से फंड जुटाने के लिए स्टॉक मार्केट में लिस्ट करवाता है उसे आईपीओ कहते हैं।

कोई कंपनी स्टॉक मार्केट में लिस्टेड होने से पहले वह प्राइवेट लिमिटेड कंपनी होता है और जब एक बार स्टॉक मार्केट में लिस्ट हो जाता है उसके बाद वह पब्लिक लिमिटेड कंपनी हो जाता है क्योंकि उस कंपनी के हिस्से (ownership) को पब्लिक में बांट दिया जाता है।

किसी कंपनी द्वारा आईपीओ क्यों लाया जाता है?

दोस्तों, मुझे पता है IPO क्या है? के बारे में जानने के बाद आपके दिमाग में जरूर सवाल उठ रहा होगा कि आखिर क्यों कोई ओनर (owner) अपनी हिस्सेदारी (ownership) आम पब्लिक के बीच बेचता है अर्थ कोई कंपनी द्वारा IPO क्यों लाया जाता है?

किसी कंपनी द्वारा IPO लाने अर्थात पब्लिक से पैसे जुटाने के मुख्य तीन कारण हो सकते हैं-

  • व्यापार के विकास एवं विस्तार के लिए,
  • कर्ज का भुगतान के लिए,
  • मार्केट में प्रतिस्पर्धा के लिए।

व्यापार के विकास एवं विस्तार के लिए

जैसा कि आपने सुना होगा कोई भी स्टेटस या बिजनेस अपना व्यापार क्षेत्र के विकास एवं विस्तार के लिए कोई इन्वेस्टर से अपना बिजनेस में फंडिंग करवाता है लेकिन जो बिजनेस बड़ा होता है उसको अपना बिजनेस को और बढ़ाने के लिए बड़ा फंड की जरूरत पड़ती है,

जिसे इन्वेस्टर भी पूरा नहीं कर पता है और बैंक तो उतना बड़ा लोन कभी नहीं दे सकता है इसलिए ऐसे बिजनेस को बढ़ाने के लिए सिर्फ एक ही रास्ता बचता है की स्टॉक मार्केट से पैसा उठाया जाए,

इसके लिए उस कंपनी को स्टॉक मार्केट में लिस्ट करवाना पड़ेगा। जब कोई कंपनी पहली बार स्टॉक मार्केट में लिस्ट होती है तो वह IPO के थ्रू ही लिस्ट होती है और वहां से आम पब्लिक के द्वारा फंड जुटा कर अपना बिजनेस को बड़ा करता है।

कर्ज का भुगतान के लिए

कभी-कभी कंपनी अपने व्यापार क्षेत्र को बढ़ाने के लिए बैंक से लोन ले लेता है। उस लोन के कारण कंपनी को Interest देना पड़ता है जो कभी-कभी उस कंपनी के प्रॉफिट का बड़ा हिस्सा Interest में चला जाता है जिस कंपनी को कभी-कभी नुकसान भी हो जाता है।

लेकिन जब कोई कंपनी स्टॉक मार्केट से पैसा उठना है तो उसके बदले उसे कोई Interest नहीं देना पड़ता है बस अपनी कंपनी में छोटा सा हिस्सेदारी (ownership) देना पड़ता है जिस कंपनी पर कोई जिम्मेदारी (liability) नहीं होता है।

इसलिए कंपनी के ओनर (owner) सोचता है कि स्टॉक मार्केट से कुछ पैसा उठा लिया जाए और अपने लोन को रिपेयर (Repay) कर दिया जाए, जिससे कंपनी को कोई Interest नहीं भरना पड़ेगा और अपनी कंपनी को अच्छे से प्रॉफिटेबल बना सकता है।

मार्केट में प्रतिस्पर्धा के लिए

कभी-कभी किसी कंपनी को अपने मार्केट में प्रतिस्पर्धा (competition) को कम करने के लिए भी फंड की जरूरत होती है जिसके लिए वे स्टॉक मार्केट में लिस्टेड होने का सोचता है।

प्रतिस्पर्धा को कम करने का अर्थ मार्केट में उस फील्ड में काम कर रहे कंपनी को या तो खरीद लेना या खत्म कर देना, उस कंपनी को खरीदने के लिए बहुत बड़ा फंड की जरूरत पड़ती है जो स्टॉक मार्केट में लिस्टेड होकर पूरा कर लेता है।

या फिर उस फंड को कंपनी में इन्वेस्ट करके अपनी प्रोडक्ट या सेवा को इतना सस्ता कर देता है कि कंपटीशन में कोई बचता ही नहीं जैसे अपने देखा होगा टेलीकॉम इंडस्ट्री में JIO ने किस प्रकार अपनी कंपटीशन खत्म कर दिया है।

आईपीओ कैसे काम करता है? (IPO Kaise Kam Karta Hai?)

कंपनी एक IPO के लिए अपनी योजना की एक प्रारंभिक अधिसूचना जारी करती है, जिसमें कंपनी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी, शेयरों की मूल्य और अन्य विवरण होते हैं।

इसके बाद, वित्तीय निकाय जैसे कि शेयरों की खरीदी-बिक्री पर निगरानी करने वाला निकाय (स्टॉक एक्सचेंज के रेगुलेटर) IPO को समीक्षित करते हैं।

IPO के लिए शेयरों की मूल्य को निर्धारित किया जाता है। इसमें कंपनी के वित्तीय स्थिति, विपणन योजना, और बाजार की स्थिति को ध्यान में रखकर मूल्य निर्धारित किया जाता है।

दोस्तों हर कंपनी अपना आईपीओ दो तरह से ला सकती है एक को फिक्स्ड प्राइस मेथड कहा जाता है और दूसरे को बुक बिल्डिंग मेथड कहा जाता है।

फिक्स्ड प्राइस मेथड में कंपनी अपनी IPO को एक फिक्स प्राइस में लाती है जिस प्राइस पर लोग बुक करते हैं जबकि बुक बिल्डिंग मेथड में कंपनी अपनी IPO का प्राइस एक रेंज में लाता है लोग इस कंपनी के शेयर्स के लिए IPO के इसी रेंज में अप्लाई करते हैं और इसका फिक्स प्राइस आईपीओ अलॉट होने के बाद ही पता चलता है।

IPO के प्रकार (IPO kitne prakar ke hote hai) | Types of IPO?

IPO मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है-

  1. Fixed Pricing Offer
  2. Book Building Offer

Fixed Pricing Offer

जैसे की मैंने आपको पहले बताया ये फिक्स प्राइस आफरिंग एक प्रकार का IPO लाने का तरीका है जिसमें कंपनी अपने IPO के प्राइस को पहले ही फिक्स कर देता है उसके बाद लोगों को अगर यह आईपीओ और इसका प्राइस पसंद आता है तो इसमें अप्लाई करते हैं।

IPO आने की यह तरीका काफी बेहतर है क्योंकि इसमें लोगों को इसके प्राइस में कोई सस्पेंस नहीं होता है वे लोग सही डिसीजन ले पाते हैं।

Book Building Offer

ये भी IPO आने की तरीका है जिसमें कंपनी अपनी आईपीओ का एक फिक्स प्राइस न बताकर एक रेंज में इसका प्राइस बताता है इसी प्राइस रेंज में लोग अप्लाई करते हैं।

इस तरीका में IPO अलॉट होने के बाद ही लोगों को इसकी एक्चुअल प्राइस की पता चलता है। इस तरीके में लोग को इसके प्राइस को लेकर थोड़ा सस्पेंशन रहता है। अभी के समय में मैक्सिमम आईपीओ इसी तरीके से लाया जाता है इसका प्राइस एक रेंज में ही बताया जाता है।

शेयर की न्यूनतम प्राइस Floor Price कहलाती हैं और अधिकतम मूल्य को Cap Price कहा जाता हैं। Floor Price और Cap Price में 20% का अंतर हो सकता हैं। एक शेयर की कीमत निवेशकों के द्वारा की गई बिड्स के आधार पर ही तय होती हैं।

IPO में Invest कैसे करे? (IPO me apply kaise kare)

How to invest in IPO
How to Invest in IPO? (Canva.com)

IPO कोई भी अप्लाई कर सकता है अप्लाई करने के लिए हमारे पास डिमैट अकाउंट होना जरूरी है जिसे हम किसी भी ब्रोकर के पास open करवा सकते हैं।

दोस्तों अक्सर आईपीओ में कंपनी अपने शेयर की प्राइस एक रेंज में लाती है जिसे IPO का प्राइस रेंज (Price range) कहा जाता है। प्राइस रेंज के लोएस्ट प्राइस (Lowest price) को फ्लोर प्राइस (Floor price) और हाईएस्ट प्राइस (Highest price) को कैप प्राइस (Cap price) कहते हैं।

दोस्तों IPO में हम अपने ब्रोकर के प्लेटफार्म से ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं और हम एक या एक से ज्यादा लौट के लिए अप्लाई कर सकते हैं। अप्लाई करते टाइम पर हम जितने अमाउंट के शेयर्स के लिए अप्लाई कर रहे हैं उतना अमाउंट हमारे बैंक अकाउंट में ब्लॉक हो जाता है।

पर दोस्तों यह जरूरी नहीं होता कि अगर हमने IPO में अप्लाई किया है तो हमें शेयर्स मिल ही जाएंगे ऐसा इसलिए क्योंकि, हर कंपनी आईपीओ में एक fixed no. of shares ही लाती है पर अक्सर लोग कंपनी के द्वारा लाए हुए शेयर्स से से ज्यादा शेयर्स के लिए अप्लाई कर देते हैं।

ऐसे में शेयर्स किसे मिलेगा और किस नहीं, इसका डिसीजन कंप्यूटर के जरिए लॉटरी से होता है जिसमें हमें शेयर्स का मिलन और न मिलाना, यह हमारे भाग्य पर डिपेंड करता है।

दोस्तों अगर हमें IPO में शेयर्स मिल जाते हैं तो हमारे बैंक में ब्लॉक अमाउंट कंपनी के पास चला जाता है और कंपनी के शेयर्स कुछ दिनों में हमारे डिमैट अकाउंट में आ जाते हैं पर अगर हमें IPO में शेयर्स नहीं मिलते हैं तो हमारा ब्लॉक अमाउंट हमें कुछ दिनों में वापस मिल जाते हैं।

आईपीओ में कंपनी के शेयर्स एलॉट होने के बाद शेयर्स की बाइंग-सेलिंग स्टॉक मार्केट में शुरू हो जाती है और फिर कोई भी शेयर्स को बाय और सेल कर सकता है।

एक बार ध्यान देने वाली है कि जब कंपनी IPO के टाइम पर अपनी शेयर्स पहली बार पब्लिक को सेल करती है तो हम उसे प्रायमरी मार्केट कहते हैं

पर जब IPO आने के बाद पब्लिक उन शेयर्स को आपस में बाय और सेल करती है तो उसे सेकेंडरी मार्केट कहा जाता है और आईपीओ आने के बाद कंपनियों को स्टॉक मार्केट में लिस्टेड कंपनी या पब्लिकली लिमिटेड कंपनी कहा जाता है।

प्रॉस्पेक्टस क्या होता हैं? (Prospectus kya hai?)

IPO Prospectus meaning in Hindi

प्रॉस्पेक्टस (Prospectus) एक वित्तीय दस्तावेज़ (document) होता है। जिस कंपनी का आईपीओ आने वाला होता है उस कंपनी द्वारा यह डॉक्यूमेंट दिया जाता है जिसमें उस कंपनी की हर चीज मौजूद होता है, जिसे बढ़ाकर इन्वेस्टर अपना डिसीजन ले पाते हैं कि इस कंपनी के IPO में इन्वेस्ट करना है या नहीं।

प्रॉस्पेक्टस के माध्यम से निम्नलिखित जानकारी प्रदान की जाती है:

  1. कंपनी का विवरण:- कंपनी का इतिहास, उद्देश्य, विचारधारा, और कार्यक्रम।
  2. उत्पाद का विवरण:- उत्पाद का पूरा विवरण, जैसे कि शेयर या बोंड का प्रकार, मूल्य, नियम, और अन्य अहम विवरण।
  3. वित्तीय स्थिति:- कंपनी की वित्तीय स्थिति, वित्तीय रिपोर्ट, आय, लाभ, और उधार परिस्थितियाँ।
  4. निवेश का परिणाम:- निवेश के परिणामों, रिटर्न और निवेश के खतरे पर जानकारी।
  5. कंपनी के कामकाज:- कंपनी के प्रबंधन का विवरण, कार्यक्रम, और अन्य विवरण।
  6. निवेश की शर्तें:- शेयर या बोंड के निवेश की शर्तें, यानी की निवेश की विवरणीय शर्तें।

IPO Prospectus दो प्रकार का होता हैं-

  1. IPO Draft Prospectus (DRHP)
  2. IPO Red Hearing Prospectus (RHP) या अंतिम प्रॉस्पेक्टस

IPO Draft Prospectus:- 

जब कोई कंपनी अपने शेयरों को पहली बार बाजार में लाने का निर्णय लेती है, तो उसके शेयरों के लिए आईपीओ प्रॉस्पेक्टस बनाया जाता है। इसमें कंपनी का पूरा विवरण, आईपीओ के नियम, और निवेश करने के लिए निर्दिष्ट प्रक्रिया का विवरण होता है। इस प्रॉस्पेक्टस को सेबी में अप्रूवल के लिए सबमिट किया जाता हैं।

IPO Red Hearing Prospectus:- 

यह ड्राफ्ट IPO Draft Prospectus का विस्तृत रूप होता हैं। इसमें IPO के बारे में सम्पूर्ण जानकारी होती है जैसे की IPO कब खुलेगा, शेयर प्राइस, कंपनी का नवीनतम फाइनेंसियल डाटा, अंडरराइटर आदि। इस ड्राफ्ट को IPO Final Prospectus भी कहा जाता हैं।

आने वाले IPO कैसे चेक करें

आने वाले IPO की जानकारी आपको हमारे इस वेबसाइट से भी मिल सकता है इसके लिए आपको इस वेबसाइट Stockmarketinhindi.in के IPO Section में जाकर चेक करना पड़ेगा या फिर इस वेबसाइट को सब्सक्राइब कर सकते हो जिससे सही समय पर आपको नोटिफिकेशन मिल जाएगा।

या फिर आईपीओ की जानकारी आपको न्यूज़ चैनल के माध्यम से भी मिल जाएगा या सोशल मीडिया से भी मिल सकता है इसके लिए आपको सोशल मीडिया पर या न्यूज़ चैनल पर एक्टिव रहना पड़ेगा।

IPO में इन्वेस्ट करते समय क्या याद रखें?

IPO mein invest karate samay kya yaad rakhen
IPO mein invest karate samay kya yaad rakhen (Canva.com)

IPO एक रिस्की इन्वेस्टमेंट है इसलिए इसमें इन्वेस्टमेंट करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान देना चाहिए जैसे-

शेयर और कंपनी का अध्ययन:- IPO में निवेश करने से पहले, शेयर और कंपनी के बारे में अच्छे से अध्ययन करें। कंपनी का विश्लेषण, उसके वित्तीय दस्तावेज़, प्रॉस्पेक्टस, और स्टॉक का विवरण ध्यान से पढ़ें।

प्रॉस्पेक्टस को ध्यान से पढ़ें:- IPO कंपनी का प्रॉस्पेक्टस पढ़ें और उसमें दी गई सभी जानकारी को ध्यान से समझें, जैसे कि कंपनी का विवरण, उद्देश्य, आर्थिक स्थिति, उत्पाद या सेवाओं का विवरण, वित्तीय जानकारी, और निवेश की शर्तें।

निवेश की योजना बनाएं:- अपने निवेश के लिए एक योजना बनाएं, जिसमें निवेश के लक्ष्य (traget), रिस्क, और निवेश के लिए निर्दिष्ट धन का विनियोजिन शामिल हो।

निवेश की शर्तें:- IPO में निवेश करने से पहले, निवेश की शर्तें ध्यान से पढ़ें और समझें। इसमें निवेश के लिए निर्धारित की गई कीमत, अलॉटमेंट की प्रक्रिया, और भुगतान की तिथि शामिल होती हैं।

निवेश की संभावित रिटर्न की अगुआई:- IPO में निवेश के प्रति संभावित रिटर्न की अगुआई करें, जिसमें कंपनी के प्रतिशत स्वामित्व, बाजार के प्रतिस्पर्धा, और निवेश के लिए निर्धारित की गई कीमत शामिल हो।

निवेश का समय:- निवेश के लिए सही समय का चयन करें। IPO की शेड्यूल को ध्यान में रखते हुए, समय पर निवेश करने का प्रयास करें।

रिस्क और प्रत्याशित रिटर्न की समझ:- निवेश के साथ साथ रिस्क की सामर्थ्य को ध्यान में रखें और प्रत्याशित रिटर्न की समझ करें। निवेश के संबंध में स्पष्टता और संवेदनशीलता बनाए रखें।

कंपनी के निदेशकों और प्रबंधकों का अध्ययन:- कंपनी के निदेशकों और प्रबंधकों के अनुभव, प्रतिभा, और योग्यता का अध्ययन करें। उनके पास वित्तीय पेशेवरी और कंपनी की प्रबंधन कौशल का अवलोकन करें।

निवेश करने के नियमों की पालना:- IPO में निवेश करने से पहले संबंधित नियमों और विनियमों की पालना करें। इसमें निवेश करने की आवश्यक निम्नता, खाते के आवश्यकता, और अन्य संबंधित विवरण शामिल होते हैं।

निवेश के बाद की स्ट्रैटेजी:- निवेश के बाद की स्ट्रैटेजी का निर्धारण करें। निवेश के बाद की प्रतिवर्षी अथवा मासिक समीक्षा का निर्धारण क

IPO के फायदे और नुकसान | Pros and Cons of IPO

हर चीज का कुछ ना कुछ फायदा और नुकसान होता है ठीक उसी प्रकार IPO में का भी कुछ फायदा है और कुछ नुकसान है जो इस प्रकार है-

IPO के फायदे (Advantages of IPO)

IPO एक high रिटर्न इन्वेस्टमेंट है। अगर आपको सही IPO मिल गया तो बहुत कम समय में अच्छा रिटर्न दे सकता है।

IPO के माध्यम से हम किसी भी कंपनी में शुरुआती दिनों में अपना पोजीशन बना लेते हैं जिस समय उस कंपनी की growth opportunity होता है उसी समय एंट्री बना लेते हैं जिससे हमें सबसे ज्यादा रिटर्न मिलता है।

IPO में इन्वेस्ट करके आप उस कंपनी के एक छोटा हिस्सेदार बन जाते हैं, यदि कंपनी अच्छा है फ्यूचर में बहुत अच्छा करने की पॉसिबिलिटी है तो आपको बहुत बड़ा फायदा होगा क्योंकि आप भी उस कंपनी के एक मालिक है।

IPO के नुकसान (Disadvantages of IPO)

IPO में निवेश करने से पहले बाजार की स्थिति को ध्यान से देखना बहुत जरूरी है। ये बहुत ही महत्वपूर्ण पॉइंट है क्योंकि बाजार की स्थिति के ऊपर निर्भर करता है कि आईपीओ में निवेश करना उचित होगा या नहीं।

IPO मैं इन्वेस्टमेंट करने से पहले उस कंपनी के फंडामेंटल को अच्छे से देख लेना चाहिए नहीं तो बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है क्योंकि अगर उसका फंडामेंटल सही नहीं होगा तो वह कंपनी कभी भी grow नहीं कर सकता है जिससे उसके स्टॉक के प्राइस बढ़ाने के बदले घाट भी सकता है।

लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि जो कंपनी IPO आता है उसका फंडामेंटल डाटा बहुत मुश्किल से मिलता है।

IPO Allotment Process

आमतौर पर IPO का एलॉटमेंट, आईपीओ सब्सक्रिप्शन बंद होने के 3 से 4 दोनों के अंदर हो जाता है। यदि कोई आईपीओ NO. of share से अधिक हो जाता है तो इस स्थिति में लॉटरी के माध्यम से अलॉटमेंट होता है।

जिन निवेशकों को IPO अलॉट होता हैं उनके डीमैट अकाउंट में शेयर क्रेडिट कर दिए जाते हैं और बैंक से एप्लीकेशन की राशि डेबिट या कट जाती हैं। जिन निवेशकों को IPO अलॉट नहीं होता उनके पैसे अनब्लॉक कर दिए जाते हैं।

अगर आमंत्रित किये गए शेयर से कम आवेदन प्राप्त होते हैं तो उन सभी निवेशकों को IPO में अलॉटमेंट प्राप्त हो जाता हैं जिन्होंने IPO में अप्लाई किया था। इस केस में कोई लॉटरी वाला सिस्टम नहीं होता है।

आजकल अधिकांश IPO 2 से 3 गुना तक सब्सक्राइब हो जाते हैं इसलिए IPO में अलॉटमेंट प्राप्त करने के लिए कट-ऑफ प्राइस पर ही बिड लगानी चाहिए।

शेयर अलॉटमेंट के बाद 1 से 3 दिन में शेयर्स की स्टॉक मार्केट में लिस्टिंग होती हैं। यहाँ पर उस कंपनी के शेयर्स की ट्रेडिंग प्रारम्भ हो जाती हैं। जिन निवेशकों को IPO में शेयर प्राप्त नहीं हुए वे सेकेंडरी मार्केट से शेयर ख़रीद सकते हैं।

जिन लोगों को IPO के थ्रू शेयर्स मिल गया है वे लोग शेयर मार्केट में ट्रेडिंग शुरू होते हैं अपना शेयर sell कर सकते हैं और दिन को नहीं मिला वे खरीद भी सकते हैं।

What is IPO in Hindi?

FAQs

Q: आईपीओ कितना रिटर्न देता है?

Ans:- देखो यह दो चीज पर निर्भर करता है पहला आप कैसे कंपनी में इन्वेस्ट किए हो दूसरा कितने दिन तक अपना पोजीशन बनाए रखे हो। यदि कंपनी ठीक है और 2 से 3 महीने तक वेट कर लिए हो तो आपको लगभग 100% का रिटर्न मिल सकता है।

Q: IPO कब बेच सकते है?

Ans:- शेयर अलॉटमेंट के बाद 1 से 3 दिन में शेयर्स की स्टॉक मार्केट में लिस्टिंग होती हैं उसके बाद आप कभी भी बेच सकते हो।

Q: IPO में कितना पैसा लगाना चाहिए?

Ans:- IPO मैं आप कम से कम 12 से 15 हजार इन्वेस्ट कर सकते हो और अधिक से अधिक आपने जितना क्षमता हो उतना इन्वेस्ट कर सकते हो।

Q: कौन सा बेहतर आईपीओ या स्टॉक है?

Ans:- जिसे स्टॉक का फंडामेंटल अच्छा हो और फ्यूचर में growth opportunity अच्छा हो वह कंपनी या स्टॉक आईपीओ के लिए सबसे बेहतर होता है।

Q: आईपीओ खरीदने के बाद क्या करना चाहिए?

Ans:- आईपीओ खरीदने के बाद आपको इंतजार करना है एक बार स्टॉक आपके डिमैट अकाउंट में आ गया उसके बाद आप जब चाहे उसे sell कर सकते हैं।

Q: मैं सही आईपीओ कैसे चुनूं?

Ans:- आपको सही आईपीओ चुनने के लिए उस कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस करना होगा, फंडामेंटल एनालिसिस के लिए उसे कंपनी का बैलेंस शीट, प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट, सेल्स आदि को देखना होगा।

Q: अगर आईपीओ आवंटित नहीं हुआ तो क्या मुझे अपना पैसा वापस मिलेगा?

Ans:- जी हां, यदि आपको IPO अलॉट नहीं होता है तो आपके पैसे अनब्लॉक कर दिए जाते हैं।

Q: यदि आईपीओ राशि वापस नहीं की जाती है तो क्या होता है?

Ans:- यदि आपके IPO अलॉट नहीं होता है और आपके पैसे भी वापस नहीं आता है तो आप अपने ब्रोकर के कस्टमर केयर से बात करें वे आपको बता देंगे कब तक वापस होगा या फिर क्या दिक्कत हो रहा है।

Q: आईपीओ में निवेश क्यों नहीं करना चाहिए?

Ans:- अगर आपको IPO के बारे में कोई नॉलेज नहीं है और फंडामेंटल एनालिसिस भी नहीं आता तो आप आईपीओ में इन्वेस्ट ना करे तो बेहतर रहेगा otherwise पैसे ढूंढने के चांस रहेंगे।

Q: आईपीओ कैसे खरीदें?

Ans:- आईपीएल खरीदने के लिए आपके पास डिमैट अकाउंट होना चाहिए और उस डिमैट अकाउंट में आपको एक IPO section मिल जाएगा वहां से आप आईपीओ के लिए अप्लाई कर सकते हो।

Q: लोग आईपीओ क्यों खरीदते हैं?

Ans:- लोग आईपीओ में इतना इंटरेस्ट इसलिए दिख रहे हैं कि IPO में सबसे अधिक रिटर्न मिलता है, लेकिन यहां रिस्क भी सबसे अधिक है।

Q: क्या आईपीओ लाभ देता है?

Ans:- जी हां IPO बहुत अच्छा रिटर्न देता है लेकिन अच्छा आईपीओ में इनवेस्ट करेंगी तो ही अच्छा रिटर्न मिलेगा otherwise नुकसान भी बड़ा होता है।

Q: आईपीओ में शेयरों का आवंटन कैसे होता है?

Ans:- आमतौर पर IPO का एलॉटमेंट, आईपीओ सब्सक्रिप्शन बंद होने के 3 से 4 दोनों के अंदर हो जाता है। यदि कोई आईपीओ NO. of share से अधिक हो जाता है तो इस स्थिति में लॉटरी के माध्यम से अलॉटमेंट होता है।

Q: क्या आईपीओ एक अच्छा निवेश है?

Ans:- जी हां IPO एक अच्छा निवेश है यदि आपको कंपनी को अच्छे से देखने आता हो, फंडामेंटल एनालिसिस करना आता हो, कंपनी फ्यूचर में कैसा परफॉर्म करेगी इसका प्रेडिक्शन करना आता हूं तो IPO एक अच्छा निवेश हो सकता है।

Conclusion

मैं आशा करता हूं कि IPO क्या होती है? पूरी जानकारी हिंदी में आपको समझ में आया होगा, इसके बारे में काफी चीज पता चल गई होगी। अगर कोई सवाल है तो हमसे कमेंट में पूछ सकते हैं।

मैं इस पोस्ट के माध्यम से आपको IPO के बारे में समझने की कोशिश किया हूं। जितना हो सके आप शेयर मार्केट को सीख कर ही इसमें काम करें किसी के टिप्स पर आश्रित ना रहे।

अगर आप स्टॉक मार्केट के बारे में और भी कुछ जानना चाहते हैं तो इस ब्लॉग के और भी पोस्ट पढ़ सकते हो, स्टॉक मार्केट में हमेशा अपडेट रहना चाहते हो तो इसे सब्सक्राइब कर सकते हो जिससे आपके पास नोटिफिकेशन पूछता रहेगा।

अगर आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी उपयोगी लगी हो तो आप इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर उन लोगों के साथ शेयर कर सकते हैं जिन्हें इस जानकारी की जरूरत है और अपने दोस्तों के साथ भी शेयर कर सकते हो।

Thank You.

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